बिहार के टॉपर गणेश की क्या मजबूरी थी जो उसने 42 की उम्र में दी 12वीं की बोर्ड परीक्षा, जरूर पढ़ें

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बिहार के 12वीं बोर्ड के फर्जी टॉपर गणेश को शनिवार शाम चौदह दिनों के न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेज दिया गया। रात करीब साढ़े आठ बजे गणेश को सीजेएम आवास पर पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जेल जाने से पहले गणेश ने मीडिया से खुलकर बातचीत की और कहा कि उसे आज अपनी करनी पर पछतावा हो रहा है।

लेकिन ये सारी कहानी पढ़ने के बाद ये जानना भी बेहद जरूरी है कि आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी थी जिसके चलते गणेश ने इतना बड़ा झूठ बोला, आखिर क्यों गणेश ने 42 की उम्र को 24साल बताकर 12वीं का एग्जाम दिया और कैसे उसने टॉप किया ? इन सवालों का जवाब जाने बिना गणेश पर फब्तियां कसना और उसका मजाक उड़ाना शायद इंसाफ नहीं होगा।

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गणेश की दर्दनाक दास्तान

जेल जाने से पहले गणेश ठाकुर ने अपने परिजनों से धैर्य बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि वह कर्ज में डूबा है और इसी को लेकर उसे सरकारी नौकरी की तलाश थी। सरकारी नौकरी के लिए उसकी उम्र बेसक निकल गई थी, लेकिन दिल में अरमान थे कि अपने परिवार और बच्चों के लिए कुछ कर जाउं। उम्र रेत की तरह मुट्ठी से बह रही थी, और मजबूरी गले का फंदा बनती जा रही थी। अपने बच्चों को एक-एक चीज़ के लिए मोहताज होते देखना गणेश को कतई गंवारा नहीं था। हर पिता की तरह वो भी अपने परिवार को हर मुमकिन खुशी देना चाहता था। गणेश ये भी जानता था कि उसका ये सपना सिर्फ सरकारी नौकरी से पूरा हो सकता है। बस फिर क्या था उसके सिर पर सरकारी नौकरी का जुनून सवार हो गया। और इसी जुनून को पूरा करने के लिए वो शिक्षा माफियाओं के चंगुल में जा फंसा..जिन्होंने उसे फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट से लेकर हर फर्जी कागजात बनवाने का उसे रास्ता दिखाया और  स्कूल में एडमिशन से लेकर टॉप कराने तक का ठेका भी उठाया।

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ये गणेश का भोलापन ही कहिए..कि वो अपनी हसरत पूरी करने के लिए इनके बताए रास्ते पर चलता रहा और अपने माथे पर फर्जी टॉपर का कलंक लगाकर ..आज जेल की सलाखों के पीछे जा पहुंचा।

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गणेश को शायद इस बात का इल्म तक ना था कि छोटा मोटा काम –धंधा कर वो अपने बच्चों को कम ही सही लेकिन थोड़ी खुशियां जरूर दे सकता है, लेकिन अगर टॉपर घोटाले में फंस गया को बच्चे की शक्ल देखने को भी तरस जाएगा। आज हुआ भी यही, गणेश की नासमझी नासिर्फ उसपर बल्कि उसके पूरे परिवार पर भारी पड़ गई। बच्चे पिता से दूर हो गए..और गणेश की हसरतों पर पानी फिर गया। उपर से पूरे परिवार पर ऐसा कलंक लग गया..जो जीते-जी छूट नहीं पाएगा।

अगले स्लाइड में पढ़ें – गणेश की जिंदगी की संघर्ष से भरी दास्तान

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