गणेश की उम्र अभी 42 वर्ष है। चूंकि उसकी उम्र अब सरकारी नौकरी लायक नहीं थी। इसलिए उसने उम्र कम कर पुनः परीक्षा दी थी। ताकि सरकारी नौकरी कर घर की आर्थिक स्थिति सुधार सके।
दरअसल गणेश का परिवार आज से 50 साल पूर्व बंगाल के मुर्शिदाबाद के सैतिया से आकर सरिया (गिरिडीह) में रहने लगा। इसके पिता शंकरनाथ राम रेलवे में पेंटर का काम करते थे। 2005 में रिटायरमेंट से मिले पैसों से घर बनाया। इस दौरान गणेश की शादी भी हो गई और वो ट्यूशन पढ़ाकर अपना जीवन यापन करने लगा। इसके बाद 2008 में वो मुर्गी फार्म खोल काम करने लगा। लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया और उसका काम चौपट हो गया।
इसके बाद गणेश का मन बदला और 2011-12 में रामेल नामक ननबैंकिंग कंपनी के चमक दमक से प्रभावित होकर उसका एजेंट बन गया। इस दौरान गणेश ने क्षेत्र के लोगों का लगभग पांच लाख से अधिक रुपए का इन्वेस्ट करवाया। पर गणेश की किस्मत ने धोखा दे दिया और 2014 में कंपनी भाग गई।
संघर्ष की ये दास्तान यहां भी खत्म नहीं हुई। इसके बाद कंपनी में इंवेस्ट करने वाले लोग गणेश से पैसे की मांग करने लगे। घर पर रोज लोग वसूली के लिए आने लगे। इससे परेशान होकर वो घर से निकला और समस्तीपुर जाकर छोटा-मोटा काम करने लगा। इस दौरान उसने फिर से पढ़ाई शुरू कर दी। ताकि पढ़-लिखकर एक कामयाब इंसान बन सके।
कब-कब दी परीक्षा
गणेश की जन्मतिथि 7 नवंबर 1975 है। झारखंड में सरिया से एसआरएस एस आर हाईस्कूल से उसने 1990 में मैट्रिक की परीक्षा दी थी। उसमें उसे सेकेंड डिविजन मिला था। इसके बाद उसने 1992 में इंटर की परीक्षा आरएलएसवाई कॉलेज झुमरी तिलैया से दी।
इसमें भी वह सेकेंड डिविजन रहा। 18 साल बाद उसने उम्र छिपाने के लिए दोबारा 2015 में संजय गांधी हाईस्कूल लक्ष्मीनिया, समस्तीपुर से मैट्रिक की परीक्षा दी थी। अब उसने अपनी जन्मतिथि 2 जून 1993 कर दी थी। इसमें उसने प्रथम श्रेणी से परीक्षा पास की।
उम्र कम दिखाने के लिए फिर से 2017 में उसने इंटर की परीक्षा दी। गणेश की उम्र अभी 42 वर्ष है। चूंकि गणेश की उम्र अब सरकारी नौकरी लायक नहीं रही थी। इसलिए उसने उम्र कम कर पुनः परीक्षा दी थी। ताकि सरकारी नौकरी कर घर की आर्थिक स्थिति सुधार सके।
गणेश के घर में अभी उसकी बूढ़ी मां गीता, बहन मुक्ता, पत्नी और उसके दो बच्चे व एक भांजा-भांजी हैं। अभी गणेश का बेटा राजकुमार उम्र लगभग 10वर्ष सरकारी स्कूल में क्लास 6 का स्टूडेंट है। वहीं, बेटी की उम्र लगभग 3 वर्ष है। मां घर में ही परचून की दुकान चलाती है। जबकि बहन सिलाई-कढाई का काम करती है। ऐसे टूटे हुए परिवार को गणेश एक मुट्ठी में बांधकर रखने की कोशिश में लगा था कि अच्छे नौकरी मिल जाएगी तो परिवार के सब कष्ट दूर हो जाएंगे।
गौरतलब है कि 1990 में मैट्रिक की परीक्षा देने वाले गणेश ने 27 साल बाद कम उम्र दिखाकर 12वीं की परीक्षा दी, जबकि जांच में 42 साल के पाए गए हैं। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने गणेश का 12वीं का रिजल्ट रोकने और उसकी कॉपी की फिर से जांच कराने की भी बात कही है।