उत्तर प्रदेश के मेरठ में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला प्रकाश में आया है। यह मामला मेरठ के बागपत का है जहा एक महिला अपनी तीन साल की बच्ची की लाश गोद में लेकर जिला अस्पताल के इमरजेंसी की चौखट पर रात भर बैठी रहीं। बच्ची को तेज बुखार की वजह से उसकी मौत हो गई थी। मां बच्ची का शव गांव ले जाना चाहती थी, लेकिन महिला के पास ढाई हजार रुपए नहीं थे। जिसकी वजह से निजी एम्बुलेंस के चालक ने शव बागपत पहुंचाने से इनकार कर दिया।
बृहस्पतिवार रात करीब नौ बजे हालत बिगड़ने पर बच्ची को मेरठ मेडिकल अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। करीब दो घंटे तक बच्ची की मां मेडिकल इमरजेंसी के बाहर खड़ी सरकारी एम्बुलेंस से बच्ची के शव को अपने गांव ले जाने की मिन्नत करती रही। लेकिन सबने जाने से इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले ओडिशा के कालाहांडी में दाना मांझी को अपनी पत्नी के शव को कंधे पर उठाए 12 किलोमीटर पैदल चलने की तस्वीरें सामने आई थीं, जिसे अस्पताल ने शववाहन की सुविधा देने से इंकार कर दिया था।
वीडियो में देखे कालाहांडी का काला सच।