कई बार आप सोचते होगे कि गूगल आपको उन्हीं प्रोडक्ट्स के ऐड क्यों दिखाता है जिनके लिंक्स आपने किसी को सेंड किये हो या उन्हें सर्च किया हो। ऐसा गूगल आपके सर्च और मेल्स के रेकॉर्ड्स के आधार पर करता रहा है। हाल ही में हुई एक घोषणा में गूगल ने कहा है कि अब वह यूजर्स के मेल पर नजर नहीं रखेंगे। दरअसल कई यूजर्स ने गूगल के ऐसा करने को लेकर प्रिवेसी से जुड़े सवाल उठाए थे।
14 साल से चली आ रही इस प्रैक्टिस में गूगल यूजर्स की पसंद के विज्ञापन दिखाने के लिए उनके अकाउंट पर नजर रखता रहा है। जीमेल यूजर्स के मेल और सर्च किए गए कीवर्ड्स की निगरानी करता है। मान लिजिए की अगर आप गूगल पर मोबाइल फोन सर्च करते रहे हैं तो अन्य साइट्स पर गूगल आपको मोबाइल फोन के विज्ञापन दिखाना शुरु कर देता है। इस तरह वो यूजर्स की पसंद-नापसंद के बारे में भी जान पाता है और उसके पसंद के ऐड दिखाता है। फिलहाल गूगल के 1.2 बिलियन यूजर्स हैं।
पिछले दिनों गूगल के ऐसा करने को यूजर्स ने सीरियस प्रिवेसी इशू माना और इसकी प्रामाणिकता को लेकर चिंता जाहिर की। कंपनी ने साफ किया है कि जो लोग पेड जीमेल का प्रयोग कर रहे हैं गूगल उनके अकाउंट स्कैन नहीं करता। बाकी सभी यूजर्स के लिए भी साल के अंत तक मेल पर निगरानी रोक दी जाएगी। गूगल फिलहाल जीमेल पर ऐड दिखाने की योजना बना रहा है। पेड अकाउंट्स जहां ऐड फ्री होंगे, वहीं बाकी सभी अकाउंट्स के लिए कंपनी के अन्य सॉफ्टवेयर निर्धारित करेंगे कि उनपर कौन से विज्ञापन दिखाए जाएं।