लंदन:कैंसर के इलाज में कारगर दवा विकसित करने में जुटे वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता मिली है। ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने ऐसी दवा विकसित करने का दावा किया है, जिससे सिर और गले के कैंसर के दोहराव वालों की जीवन अवधि बढ़ाई जा सकेगी। इस तरह के कैंसर के दोबारा होने पर बचने की संभावना कम हो जाती है।
नई विकसित दवा का नाम निवोलुमाब है। ब्रिटेन के इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर रिसर्च (आइसीआर) के वैज्ञानिकों ने बताया कि दवा के तीसरे चरण का परीक्षण सफल रहा है। इसके सेवन से उन पीड़ितों की जीवन अवधि भी बढ़ाने में सफलता मिली है, जिनमें कीमोथेरेपी असरहीन साबित हो चुकी थी। कीमो के मुकाबले नई दवा लेने वाले पीड़ित एक साल बाद भी जीवित रहे। यह उपलब्धि इस मायने में अहम है कि मौजूदा समय में सिस्प्लैटिन-रेजिस्टेंट रीलैप्स्ड या मेटास्टैटिक हेड एंड नेक कैंसर के इलाज का दूसरा विकल्प उपलब्ध नहीं है। शोध का नेतृत्व आइसीआर के प्रोफेसर केविन हैरिंगटन ने किया। इसमें दुनिया भर के 20 अन्य शोध संस्थान भी शामिल थे।
शोधकर्ताओं ने बताया कि इससे पीड़ित लोग छह महीने से भी कम समय तक जीवित रह पाते हैं। हैरिंगटन ने नई दवा को गेम चैंजर बताया है। उनके मुताबिक इसके सेवन से बिना किसी तकलीफ के जीवन अवधि बढ़ाई जा सकेगी। शोध में शामिल 240 पीड़ितों को निवोलुमाब और 121 को कीमो दिया गया था। एक साल बाद नई दवा का सेवन करने वाले 36 फीसद पीड़ित अब भी जीवित हैं। कीमो कराने वालों में यह आंकड़ा महज 17 फीसद है। आमतौर पर निवोलुमाब का सेवन करने वाले 7.5 महीने, जबकि कीमो कराने वालों की औसत जीवन अवधि 5.1 महीना रही। एचपीवी पॉजिटिव (ह्यूमन पैपिलो वायरस) पीड़ित तो औसतन 9.1 महीने तक जीवित रहे। नई दवा का साइड इफेक्ट 13 जबकि कीमो का 35 प्रतिशत पाया गया।