उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनावों को लेकर हर राजनीतिक दल अपनी कमर कस तैयारियों में जुटे हैं। जैसे-जैसे चुनाव करीब आता जा रहा है, सभी दलों में मुसलमान वोटरों को अपनी और रिझाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। इसी के चलते बसपा सुप्रीमो मायावती मुस्लिमों को अपने साथ लेने के लिए पूरा जोर लगा रही हैं। इसके लिए मायावती पार्टी के मुस्लिम चेहरे नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बेटे अफजल सिद्दीकी की मदद ले रही हैं। 28 साल के अफजल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बसपा के प्रचार में लगे हुए हैं।
जनसत्ता की खबर के मुताबिक, अफजल सिद्दीकी इस बार बसपा के मुस्लिमों को साथ लेने के अभियान के मुखिया हैं। उन्हें आगरा, अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद और बरेली में मुसलमानों को बसपा से जोड़ने का जिम्मा दिया गया है। इन छह मंडलों में कुल 140 विधानसभा सीटें हैं। पश्चिमी यूपी के मुस्लिम बहुल इलाकों में कई सीटों पर उनका वोट प्रतिशत 70 तक है। बसपा इसे अपने पाले में लाने पर काम कर रही है। इस बार के चुनावों में बसपा ने 125 मुसलमानों को उम्मीदवार बनाया है और इनमें से आधे प्रत्याशी पश्चिमी यूपी में हैं। उदाहरण के तौर पर बिजनौर जिले की आठ में छह सीटों पर बसपा ने मुसलमानों को खड़ा किया है। बाकी की दो सीटें आरक्षित हैं।