उदयवीर ने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि मुलायम सिंह अखिलेश विरोधी ग्रुप के दबाव में आ गए। उन्होंने अखिलेश की कई बार सार्वजनिक रूप से खिंचाई की, लेकिन अखिलेश एक आज्ञाकारी बेटे हैं और चुपचाप सुनते रहे। उन्होंन आज तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। सिंह ने कहा कि परिवार में मतभेदों का बाहरी लोग खूब दोहन कर रहे हैं। सिंह ने पत्र के माध्यम से आग्रह किया कि सस्पेंड किए गए नेताओं को पार्टी में फिर से शामिल किया जाए और अखिलेश को पार्टी चलाने के लिए पूरी ताकत दी जाए।
सिंह ने मुलायम से कहा, ‘जब आप प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब फैसले खुद लेते थे। इसमें किसी का हस्तक्षेप नहीं चलता था। ऐसी ही स्थिति अखिलेश के साथ भी होनी चाहिए। आप अखिलेश यादव जी को पूरी ताकत दीजिए।’
दूसरी तरफ उदयवीर के इस खत के विरोध में सपा की तरफ से समाजवादी पार्टी के एक अन्य विधानपरिषद सदस्य आशु मलिक खुलकर सामने आए। उन्होने कहा कि उदयवीर ने इस तरह से सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह का अपमान किया है। उन्होने कहा कि उदयवीर अपने सियासी फायदे के लिए मुलायम सिंह को निशाना बना रहे हैं और आने वाले समामी में अखिलेश यादव के साथ भी ऐसा करेंगे।