चुनाव में हारे अखिलेश का अब घर में इम्तेहान, चाचा और पिता ने हार के लिए बताया जिम्मेदार

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अखिलेश

कुनबे के संग्राम में जीत, चुनावी समर में हार के बाद अब सपा (समाजवादी पार्टी) के नये सुप्रीमो अखिलेश यादव के सामने संगठन को मजबूती देने के साथ जनाधार को वापस लाने की चुनौती तो होगी ही लेकिन, कुनबे के अंदर से फिर चुनौती नहीं मिलेगी, यह दावा नहीं किया जा सकता। ऐसे में संतुलन साधने की उनकी क्षमता का असली इम्तिहान अब शुरू होगा।

समाजवादी पार्टी (सपा) को मिली हार पर मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अगर अखिलेश यादव कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करते तो सपा की पक्का जीत होती। इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, मुलायम सिंह यादव ने कहा, ‘गठबंधन नहीं होता तो समाजवादी की सरकार बनती।’ इतना ही नहीं मुलायम सिंह यादव ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी भी गठबंधन का समर्थन नहीं किया था। मुलायम ने कहा, ‘जो कोई भी कह रहा है कि मैंने गठबंधन को सपोर्ट किया था वह झूठ बोल रहा है, मैं सबके सामने गठबंधन पर अपना विरोध जताया था, कांग्रेस को यहां कोई पसंद नहीं करता, उसकी क्या जरूरत थी जबकि 2012 में पूर्ण बहुमत के साथ हम लोग सरकार में आए थे।’

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अखिलेश पर निशाना: मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘मेरे निकट के सारे जीत गए।’ यह बोलकर वह अपने भाई शिवपाल यादव का जिक्र करना चाहते थे जो कि जसवंत नगर सीट से जीत गए। मुलायम सिंह यादव ने यह भी कहा कि गठबंधन की अपने अहंकार की वजह से हार हुई है। मुलायम ने कहा, ‘अगर आप लोग किसी ठेलेवाले से बात करेंगे तो वह कहेगा कि उसने हर बार सपा को वोट दिया है लेकिन इस बार वह सपा को नहीं देना चाहता क्योंकि नेताजी का अपमान हुआ है।’

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मुलायम सिंह यादव इस बात का जिक्र कर प्रधानमंत्री के उस बयान का समर्थन करते नजर आए जिसमें पीएम मोदी ने अखिलेश ने लिए कहा था, ‘जो लड़का अपने बाप का ना हुआ हो आपका क्या होगा?’

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मुलायम सिंह यादव ने आगे कहा, ‘यह बीजेपी की बड़ी जीत है, मुझे पहले ही दिख गया था कि भाजपा आ रही है, बसपा ने अपना वोट शेयर सुधारा है लेकिन उसकी पकड़ कमजोर हुई है, विचित्र जीत है और हार भी।’