लखनऊ रैली में विपक्ष पर मोदी का वार, एक पार्टी को बेटे की, दूसरी को पैसों की चिंता और तीसरी अपने ही परिवार में उलझी

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राष्ट्रीय कार्यकारिणी

विधानसभा चुनाव वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि ये लखनऊ की धरती अटलजी की कर्मभूमि है, उनके जैसे अनेक महापुरुषों ने अपनी इस धरती पर खपाई. पीएम ने कहा कि रैली में पहुंची भीड़ से चुनाव का अंदाजा लगाया जा सकता है. लोगों ने कमाल कर दिया है. इस रैली में जुटी भीड़ का संदेश है कि यूपी में सारे चुनावी हिसाब-किताब बदल चुके हैं. हवा का रुख साफ-साफ नजर आ रहा है. 14 साल के बाद भी यूपी के लोग बीजेपी की सरकारों को याद करते हैं और बाकी सरकारों से उसकी तुलना करते हैं. आज बड़े गर्व के साथ कह सकता हूं कि कल्याण सिंहजी, रामप्रकाश गुप्तजी और राजनाथजी के नेतृत्व में चली सरकारों को लोग आज भी याद करते हैं.

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पीएम ने कहा कि अगर भारत को आगे बढ़ना है तो उत्तर प्रदेश का बदलना बहुत जरूरी है. यूपी में 14 साल से विकास का वनवास हो गया है, वो अब खत्म होने वाला है. कुछ लोग कहते हैं कि 14 साल बाद बीजेपी का वनवास खत्म होगा. मुद्दा बीजेपी के वनवास का नहीं, विकास के वनवास का है.

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सपा सरकार पर हमला बोलते हुए पीएम ने कहा कि यहां कि सरकार हमारे सांसदों की बात नहीं सुनती. जबसे हमारी सरकार बनी है, यूपी सरकार को हर साल यूपी को हर साल एक लाख करोड़ ज्यादा दिए. दलों के बीच राजनीति ठीक लेकिन राज्य की जनता के साथ राजनीति नहीं होनी चाहिए. दलों की राजनीति दलों तक सीमित होनी चाहिए. विकास के रास्ते में जब दलों की राजनीति आती है तो विकास रुक जाता है और जनता की दिक्कतें बढ़ती चली जाती हैं.

गन्ना किसानों को पैसा नहीं दिया. सपा सरकार किसानों को भड़का रही है. उत्तर प्रदेश की सरकार किसानों की मांगे पूरी करने के लिए कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है. हमने न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया लेकिन धान की खरीद के लिए यूपी सरकार को फुर्सत नहीं. वो कहते हैं- मोदी हटाओ, मैं कहता हूं- काला धन हटाओ. जनता तय करे क्या सही. हम भ्रष्टाचार के खिलाफ, काले धन के खिलाफ लड़ाई लड़ने की बात कहते हैं. आपने देखा विपक्ष के सारे दल इसके खिलाफ खड़े हो गए. भ्रष्टाचार के पक्ष में सपा-बसपा भी एक साथ दिखे. दोनों दल मिलकर बोले कि मोदी को हटाओ. मोदी कहता है नोट बदलों काला धन हटाओ.

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