निर्वाचन आयोग ने कहा है कि यूपी समेत पांच राज्यों में विधानसभा आम चुनाव की तिथियों की घोषणा सुरक्षा बलों की उपलब्धता की स्थिति को देखते हुए की जाएंगी। सूत्रों के अनुसार इस बार यूपी में छह से सात चरणों में चुनाव करवाए जा सकते हैं जबकि शेष चार राज्यों में एक ही चरण में चुनाव होंगे।
निर्वाचन आयोग ने कहा है कि यूपी समेत पांच राज्यों में विधानसभा आम चुनाव की तिथियों की घोषणा सुरक्षा बलों की उपलब्धता की स्थिति को देखते हुए की जाएंगी। मगर सूत्रों के अनुसार बलों की उपलब्धता में कोई कमी नहीं होगी इसलिए चुनाव जनवरी के आखिरी और फरवरी के दूसरे हफ्ते में शुरू करवा दिए जाएंगे तथा मार्च के पहले हफ्ते में समाप्त कर दिए जाएंगे। इस बार यूपी में छह से सात चरणों में चुनाव करवाए जा सकते हैं जबकि शेष चार राज्यों में एक ही चरण में चुनाव होंगे। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से सुरक्षा बलों की उपलब्धता में किसी कमी का संकेत नहीं मिला है और आने वाले दो माह यही स्थिति रहने की उम्मीद है। इसलिए चुनाव कार्यक्रम जनवरी में शुरू कर दिए जाने की संभावना है। पहले छोटे राज्यों मणिपुर, उत्तराखंड, गोवा और पंजाब में चुनाव करवाए जाएंगे। उसके बाद सुरक्षा बलों को पूरी तरह इन राज्यों से मुक्त करके यूपी में केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा, केंद्र इस बार 80, 000 से ज्यादा केंद्रीय सुरक्षा बल मुहैया करवाएगा।
सूत्रों ने बताया कि चुनावों की तिथियां पिछली बार के चुनावों की तरह से ही हो सकती हैं।
पहले चरण का मतदान 5 या 11 फरवरी को हो सकता है। उसके बाद दूसरे चरण की तिथि 15 फरवरी, तीसरे चरण का चुनाव 18 फरवरी, चौथे चरण में 22 फरवरी, पांचवां 26 फरवरी, छठवां 1 मार्च और सातवें चरण का चुनाव 4 मार्च शनिवार या 5 मार्च रविवार को हो सकता है।
सूत्रों ने बताया कि चार राज्यों पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में एक ही चरण में और एक ही दिन चुनाव करवाए जाएंगे तथा ये जनवरी के 29 से 31 जनवरी तक निपट जाएंगे। चुनावों की घोषणा के बारे में उन्होंने कहा कि यह दिसंबर के अंतिम सप्ताह में की जा सकती है। सभी राज्यों में मतों की गिनती एक साथ होगी। पिछली बार यूपी में सबसे अधिक एक लाख 28 हजार 112 मतदान केंद्र बनाए गए थे। जबकि पंजाब में 19 हजार 724, उत्तराखंड में 9744, गोवा में 1612 और मणिपुर में 2325 मतदान केंद्र थे।