इसी साल एक अन्य देश के माध्यम से सीरिया को हाइड्रोजन फ्लोराइड (HF) की भी खेप भेजी गई थी। हेग ने संसद को बताया था, ‘इन सभी रसायनों का वाजिब इस्तेमाल होता है। मसलन, प्लास्टिक और दवाओं के निर्माण में इनकी जरूरत पड़ती है। हालांकि यह भी सच है कि इन रसायनों की मदद से घातक सरिन नर्व एजेंट भी बनाया जा सकता है। DMP और TMP की मदद से नर्व एजेंट VX तैयार किया जा सकता है। यही वजह है कि इन रसायनों का निर्यात सख्त तौर पर प्रतिबंधित है।’
यह आशंका भी जताई जा रही है कि साल 2000 के बाद भी ब्रिटेन ने सीरिया को कुछ खास उपकरण बेचे थे, जिनका इस्तेमाल असद सरकार ने रसायनिक हथियार विकसित करने में किया। ब्रिटेन द्वारा संभावित जानलेवा रसायन सीरिया को बेचे जाने के आरोपों की जांच कमिटीज़ ऑन आर्म्स एक्सपोर्ट कंट्रोल्स (CAEC) ने की थी। साल 2013 में CAEC ने तत्कालीन बिजनस सेक्रटरी विंस केबल को एक पत्र लिखकर उन्हें उन कंपनियों का नाम बताने के लिए कहा था जिन्हें साल 2004 से 2014 के बीच सीरिया को रसायन निर्यात करने संबंधी लाइसेंस जारी किया गया। ये उस तरह के रसायन थे, जिनका इस्तेमाल कर घातक रसायनिक हथियार भी बनाए जा सकते हैं। केबल ने कमिटी के आग्रह को अस्वीकार करते हुए इन कंपनियों के नाम बताने से इनकार कर दिया था, जिसे लेकर CAEC ने उनकी काफी आलोचना भी की।