नई दिल्ली। पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ती नजदीकियों के बीच चीनी कंपनियों के एक समूह ने 85 मिलियन डॉलर (8.96 अरब रुपये) में पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए शनिवार(21 जनवरी) को एक रणनीतिक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
पाकिस्तान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे(सीपीईसी) के लिए धन जुटाने को लेकर यह अप्रत्याशित कदम उठाया है। साथ ही इसका मकसद पाकिस्तान के पूंजी बाजार में चीन को प्रवेश देना है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक दार की मौजूदगी में कराची में एक बिक्री-खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, चीनी कंपनियों के इस समूह में चाइनीज फाइनैंशल फ्यूचर्स एक्सचेंज कंपनी लिमिटेड, शंघाई स्टॉक एक्सचेंज, शेनजेन स्टॉक एक्सचेंज और दो स्थानीय सहयोगी पाक-चाइना इन्वेस्टमेंट कंपनी और हबीब बैंक लिमिटेड शामिल हैं।
समूह ने 32 करोड़ शेयरों के लिए 28 रुपये (पाकिस्तानी रुपया) प्रति शेयर के हिसाब से बोली लगाई। कुल मिलाकर यह सौदा 8.96 अरब रुपये (8.50 करोड डॉलर) का हुआ। पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज इंफ्रास्ट्रक्चर बांड भी जारी करने वाला है। इसका उद्देश्य चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के लिए धन जुटाना है।
आपको बता दें कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे में गुलाम कश्मीर का हिस्सा भी शामिल है। इसलिए भारत शुरुआत से ही इसका विरोध करता रहा है। इस कदम से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में चीन का हस्तक्षेप बहुत बढ़ जाएगा।