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प्रतिष्ठित अमेरिकी अखबार ने लिखा है कि भारतीय सरकार द्वारा चलन में मौजूद करंसी को बाहर करने के फैसले के दो महीने हो चुके हैं और इससे अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ रहा है।
अखबार का कहना है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर सिकुड़ रहा है, रियल एस्टेट और कारों की बिक्री नीचे आ चुकी है और किसानों, दुकानदारों और आम लोगों का कहना है कि कैश की किल्लत ने उनके जीवन को मुश्किल कर दिया है।
लेख में कहा गया है कि नए नोटों की आपूर्ति कम है, क्योंकि सरकार ने पर्याप्त मात्रा में पहले इन नोटों की छपाई नहीं की थी। छोटे कस्बों तथा ग्रामीण इलाकों में नकदी की समस्या विकराल है। छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में कैश की किल्लत काफी ज्यादा है।
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