पिछले दिनों फ्रांस में बुर्किनी को लेकर नया विवाद छि़ड़ा, जिसके बाद मजबूरन फ्रांस सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा और बुर्किनी पर लगे प्रतिबंध को हटाना पड़ा। सरकार के इस फैसले के बाद आखिरकार फ्रांस की मुस्लिम महिलाओं को राहत महसूस हुई। अभी ये विवाद शांत भी नहीं हुआ था कि इसी बीच फ्रांस के प्रधानमंत्री ने ऐसा आपत्तिजनक बयान दे डाला..जिसकी वजह है दुनियाभर में उनकी आलोचना हो रही है। फ्रांस के पीएम ने कहा कि ‘बुर्कीनी से ज्यादा खुले ब्रेस्ट फ्रांस का प्रतिनिधित्व करते हैं’
बुर्कीनी बैन पर एक विवादित बयान के कारण फ्रांस के प्रधानमंत्री की खूब आलोचना हो रही है। फ्रांस के प्रधानमंत्री ने कहा है कि मुस्लिम हेड स्कार्फ से ज्यादा खुले ब्रेस्ट फ्रांस गणराज्य की पहचान हैं।
फ्रांस में महिलाओं के फुल स्विमसूट (बुर्कीनी) को बैन करने वाले मेयर्स को समर्थन करने के मुद्दे पर फ्रांसीसी पीएम मैनुअल वॉल्स एजुकेशन मिनिस्टर से भी भिड़ चुके हैं। उन्होंने सोमवार को अपने भाषण में मैरीऐन के खुले ब्रेस्ट को फ्रांस गणराज्य का प्रतीक बताते हुए बुर्कीनी बैन को सही ठहराया।
एक सरकारी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘फ्रांस की क्रांति का प्रतीक मैरीऐन के खुले हुए ब्रेस्ट हैं क्योंकि वह बच्चों को फीडिंग कराती हैं। वह परदे के भीतर नहीं हैं क्योंकि वह आजाद हैं और यही एक गणतंत्र की पहचान है।’ खुले ब्रेस्ट को फ्रांस का प्रतीक और मुस्लिम स्कार्फ को समस्या पैदा करने वाला बताने पर वह तमाम विपक्षी दल के नेताओं, इतिहासकारों और नारीवादियों के निशाने पर आ गए हैं।
कई लोगों का कहना है कि मैरीऐन ने अपना सिर एक हल्की फ्रिजियन कैप से ढका हुआ है जो आजादी और क्रांति का प्रतीक है। उसे कई रूपों में प्रदर्शित किया गया है। कभी ढके हुए रूप में तो कभी खुले ब्रेस्ट के साथ।
यूएन ने फ्रांस में बीच पर बुर्कीनी से बैन हटाने के लिए कहा था। यूएन ने कहा था कि यह एक मूर्खतापूर्ण कार्रवाई है इससे सुरक्षा की स्थिति बेहतर नहीं होगी बल्कि इससे धार्मिक असहिष्णुता बढ़ेगी। फ्रांस के कई मेयर्स ने बुर्कीनी पर बैन लगा रखा है लेकिन फ्रांस की सर्वोच्च अदालत ने पिछले हफ्ते एक जगह लगे बुर्कीनी बैन को हटा दिया था जिसका यूएन ने स्वागत किया था।