घाना सरकार ने कहा है कि वो महात्मा गांधी की मूर्ति हटाएगी। ये मूर्ति देश की राजधानी की एक यूनिवर्सिटी में लगी है। यूनिवर्सिटी में गांधी के तथाकथित नस्लीय एटीट्यूट को लेकर प्रदर्शन हुए थे। आपको बता दें कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने हाल ही में अपने दौरे के दौरान यूनिवर्सिटी ऑफ घाना को महात्मा गांधी की प्रतिमा भेंट की थी।
पिछले कुछ महीनों से कुछ छात्र और प्रोफेसर ने इसे हटाने की मांग कर रहे थे। इन लोगों की दलील थी कि गांधीजी ने अपने शुरुआती लेखन में अश्वेत अफ्रीकियों का ‘काफिर’ के रूप में जिक्र किया है। यह उनकी ‘नस्लवादी’ मानसिकता को दर्शाता है। प्रतिमा हटाने के लिए प्रोफेसर अकोसुआ अडोमाको अंफोपो के नेतृत्व में अभियान शुरू किया गया था।
इसके तहत आयोजित प्रदर्शनों में ‘गांधी मस्ट फाल’ और ‘गांधी फॉर कम डाउन’ जैसे नारे लगाए गए। अंफोपो इंस्टीट्यूट ऑफ अफ्रीकन स्टडीज के पूर्व निदेशक हैं। छात्रों और प्रोफेसरों ने एक ऑनलाइन याचिका भी दाखिल की थी, जो यूनिवर्सिटी ऑफ घाना काउंसिल के सदस्यों और चेयरमैन वामेना अहवोई को संबोधित थी।
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