200 सालों तक जिसके गुलाम रहा, जिस देश ने लूटा आज उसी को भारत ने पीछे छोड़ दिया है। दरअसल अर्थव्यवस्था के आकार के मामले में ब्रिटेन भारत से पीछड़ गया है। 150 साल में पहली बार ऐसा हुआ है जब भारत की अर्थव्यवस्था ब्रिटेन से बड़ी हुई है। इसके पीछे ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने और भारत की तेज विकास दर को कारण माना जाता है। फॉर्ब्स मैगजीन की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 25 साल में भारत की तेज इकॉनॉमिक ग्रॉथ और साल भर में पाउंड के मूल्य में आई कमी के चलते यह नाटकीय बदलाव हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ”एक समय संभावना जताई जा रही थी कि 2020 तक ब्रिटेन की जीडीपी को पार कर लिया जाएगा लेकिन पिछले 12 महीने में पाउंड के मूल्य में लगभग 20 प्रतिशत की कमी ने इस काम को जल्दी कर दिया। ब्रिटेन की 1.87 ट्रिलियन पाउंड की जीडीपी एक डॉलर के मुकाबले 0.81 पाउंड की एक्सचेंज रेट पर 2.29 ट्रिलियन डॉलर में बदलती है। वहीं भारत की 153 ट्रिलियन रुपये की जीडीपी एक डॉलर के मुकाबले 66.6 रुपये से बदलने पर 2.30 ट्रिलियन डॉलर होती है।”