पाकिस्तान को लगने वाला है बड़ा झटका, चीन  भारत से करेगा आतंक विरोधी समझौता !

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सुरक्षा सहयोग

भारत और चीन संयुक्‍त रूप से आतंकवाद से लड़ने के लिए सुरक्षा सहयोग समझौता कर सकते हैं। इसके समझौते के होने से दोनों देश आतंकवाद और अंतरराष्‍ट्रीय अपराधों से लड़ने के प्रयासों में और तेजी ला पाएंगे। चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के प्रभावशाली पोलित ब्‍यूरो सदस्‍य मेंग जियान्‍झू के अगले सप्‍ताह भारत आने के दौरान इस पर सहमति बन सकती है। मेंग के आठ नवंबर को आने की संभावना है। वर्तमान में इस समझौते की शर्तों को लेकर बातचीत चल रही है। इस मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि समझौते के तहत कानूनी मदद संधि का तंत्र भी शामिल किया जाएगा। मेंग की यात्रा के दौरान इस्‍लामिक स्‍टेट के दक्षिण एशिया में प्रसार को रोकने पर भी चर्चा की जाएगी। बताया जाता है कि चीन इस्‍लामिक स्‍टेट पर काबू पाने के लिए भारत का सहयोग चाहता है।

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गृह मंत्री राजनाथ सिंह पिछले साल बीजिंग गए थे। राजनाथ एक दशक में चीन जाने वाले पहले भारतीय गृहमंत्री थे। उसके बाद तैयार किए गए हाई लेवल मीटिंग मैकेनिज्‍म के तहत चीनी नेता भारत आ रहे हैं। मेंग पार्टी में अंदरुनी सुरक्षा से जुड़े मामलों को देखते हैं। भारत के साथ बैठक के दौरान पाकिस्‍तान आधारित आतंकी समूहों, आतंकी तंत्र और नेताओं जैसे मौलाना मसूद अजहर पर बातचीत हो सकती है। मेंग चीन में कई मंत्रियों से भी ज्‍यादा ताकतवर हैं। चीन की विदेश नीति पर उनका काफी प्रभाव है। भारत मसूद अजहर पर कार्रवाई चाहता है लेकिन चीन के संयुक्‍त राष्‍ट्र की सुरक्षा परिषद में वीटो के चलते ऐसा हो नहीं पा रहा है।

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सितम्‍बर में चीन ने अजहर पर बैन लगाने के फैसले पर तीन महीने का बैन लगा दिया था। मेंग से पहले शुक्रवार (4 नवंबर) को चीन के स्‍टेट काउंसिलर यांग जिएची राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल से मिलने को हैदराबाद आए हैं। गौरतलब है कि इसी महीने की 10 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्विपक्षीय समिट के लिए जापान जाएंगे।

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