लंदन : जीहां, ये ISIS की नई चाल है। ये आतंकी संगठन खूबसूरत लड़कियों को सुंदर और अच्छे पति का लालच देकर उन्हे जिहादी बना रहा है।हाल ही में एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में दर्जनभर से ज्यादा लड़कियां ‘जन्नत और एक सुंदर पति’ के लालच में आईएसआईएस जॉइन करने के लिए देश छोड़ कर जा चुकी हैं। हालांकि आतंकी संगठन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई तेज होने के बाद इनके बचने की उम्मीद लगभग खत्म हो चुकी है। ब्रिटेन से ISIS में शामिल होने गईं जिन तीन लड़कियों की पहचान हो पाई है, उनमें से एक 17 वर्षीय कादिजा सुल्ताना के हवाई हमलों में मारे जाने की आशंका है। वहीं उसकी दो दोस्तों का पता लग पाना अब लगभग नामुमकिन माना जा रहा है।
कादिजा के परिवार का कहना है कि वह अमीरा अब्बासी और शमीमा बेगम नाम की दो लड़कियों के संपर्क में आने के बाद परिवार और बाकी लोगों से काफी अलग-थलग रहने लगी थी। ईस्टर के दौरान ये तीनों पूर्वी ब्रिटेन स्थित अपने घर से भाग गईं, जिससे अंतरराष्ट्रीय पुलिस का ध्यान इनकी तरफ गया। परिवार और पुलिस ने कई अपील कीं, लेकिन इनमें से कोई भी वापस नहीं आया। कुछ दिनों बाद ये तीनों ISIS की राजधानी रक्का जा पहुंचीं और वहां उन्होंने आतंकियों से शादी कर ली और एक ‘आदर्श पत्नी’ की भूमिका निभाने लगीं। हालांकि ये तीन उन 56 लड़कियों का एक छोटा सा उदाहरण हैं, जो साल 2015 में ISIS में शामिल होने के लिए ब्रिटेन से सीरिया के लिए भागी थीं।
इन तीनों लड़कियों के परिवार के वकील तस्नीम अकुंजी ने द इंडिपेंडेंट से बताया कि शमीमा और अमीरा अब भी जिंदा हो सकती हैं। लेकिन उनका बच पाना अब लगभग नामुमकिन है। उन्होंने बताया कि किस तरह कदीजा उस आतंकी कैंप से भागना चाहती थी। उसने इस बारे में अपनी बहन से भी बताया था, लेकिन उसकी हिम्मत तब जवाब दे गई जब एक ऑस्ट्रियन लड़की को भागने के प्रयास के चलते सार्वजनिक रूप से मार डाला गया था।
कदीजा ने आखिरी बार अपनी बहन से बातचीत में कहा था, ‘मुझे यहां कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा, मुझे डर लग रहा है। मैं यहां से किस तरह निकल सकती हूं।’ हालांकि पांच महीने बाद ही रूस के एक हवाई हमले में उसके मारे जाने की खबर आई। अकुंजी ने कहा, ‘मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि इन घटनाओं से कोई सीख ली जा सकती है तो वह यह है कि इन्हें एक चेतावनी के तौर पर देखा जा सकता है।’
एक्सपर्ट्स का मानना है कि महिलाओं के लिए आईएसआईएस कैंप से भागना लगभग असंभव है। यह संगठन शरिया कानून को मानता है, जिसके मुताबिक महिलाएं किसी पुरुष व्यक्ति के बिना घर से नहीं निकल सकती हैं। टर्की द्वारा बॉर्डर सील करने के बाद से आतंकी संगठन ने ‘गद्दारों’ को सजा देना शुरू कर दिया है और आतंकी कैंप से भागने वाले व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से मौत के घाट उतार दिया जाता है।