कोलंबो। मौत की सजा संबंधी नीति को लागू करने के मालदीव सरकार के ‘‘जल्दबाजी’’ भरे फैसले के मुद्दे पर विदेश मंत्री दुन्या मौमून ने विदेश मंत्री पद छोड़ दिया है । पीटीआई के हवाले से खबर है कि देश के राष्ट्रपति यामीन अब्दुल गयूम की भतीजी और 1978 से 2008 के तीन दशकों तक देश पर शासन कर चुके मौमून अब्दुल गयूम की बेटी दुन्या का इस्तीफा ऐसे समय में हुआ है जब देश के ताकतवर सत्ताधारी परिवार में सत्ता को लेकर दरार पैदा होने की खबरें सामने आई हैं ।
आज जारी एक बयान में 45 साल की दुन्या ने कहा, ‘‘उन्होंने विदेश मंत्री पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है क्योंकि मालदीव में मौत की सजा लागू करने की सरकार की नीति पर काफी गहरे मतभेद हैं ।’’ बयान के मुताबिक, ‘‘मैंने आज ही मालदीव के विदेश मंत्री के पद से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया है । यह मेरे अब तक के सबसे मुश्किल फैसलों में से एक है ।’’ दुन्या ने कहा, ‘‘मौत की सजा लागू करने की सरकार की नीति पर काफी गहरे मतभेदों के कारण यह फैसला लेना जरूरी था, क्योंकि इस नीति पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं और मालदीव में न्याय दिलाने को लेकर चिंताएं जाहिर की जा रही हैं ।’’ मालदीव 2008 में एक बहुदलीय लोकतंत्र बना था । बहरहाल, लोकतंत्र में इसका रूपांतरण अब तक सुगम नहीं रहा है ।
देश के लोकतांत्रिक तौर पर निर्वाचित पहले राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को पिछले साल आतंकवाद के आरोपों में 13 साल जेल की सजा सुनाई गई थी ।
पूर्व उप-राष्ट्रपति अहमद अदीब, पूर्व रक्षा मंत्री मोहम्मद नाजिम और विपक्षी पार्टी के नेता शेख इमरान अब्दुल्ला को भी काफी लंबे समय के लिए जेल की सजाएं सुनाई गई हैं और वे जेल में बंद हैं ।