भारत और अफगानिस्तान ने बुधवार को पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए आतंकवादियों के लिए किसी भी किस्म का समर्थन, प्रायोजन और सुरक्षित पनाहगाह को खत्म करने का आह्वान किया। दोनों देशों ने सुरक्षा तथा रक्षा सहयोग को मजबूत करने का फैसला किया। अपनी बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने क्षेत्र में राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए निरंतर आतंकवाद के इस्तेमाल पर चिंता प्रकट की। बता दें कि गनी दूसरी बार भारत दौरे पर आए हैं।
गनी ने कहा, ‘गुड और बैड टेररिजम के बीच फर्क करने का नजरिया दूरदर्शिता नहीं है। देशों को पड़ोसियों के लिए नॉन स्टेट एक्टर्स की तरह बर्ताव नहीं करना चाहिए।’ यह भी कहा कि इस्लाम के नाम पर किसी चीज को जायज नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि इस्लाम आतंकवाद नहीं सिखाता।
दोनों नेताओं के बीच क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। अफगानिस्तान के लिए भारत के स्थाई समर्थन को दोहराते हुए मोदी ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, उर्जा, आधारभूत संरचना जैसे क्षेत्रों में क्षमता निर्माण और लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने के लिए आगे पड़ने वाली जरूरतों पर चर्चा की।
































































