छुआछूत भारत में सदियो से चली आई है, ऊंच नीच और जात-पात को भारत में सबसे ज्यादा माना जाता है, वक्त के साथ यह कम तो हई है लेकिन यह बीमारी जड़ से खत्म नही हुई है और लेकिन अब इस मानसिक बीमारी से सिर्फ भारत के ही दलित को कष्ट नहीं पहुंचता हैं बल्कि नेपाल में भी ऊंची जाति के लोगो की गुंडागर्दी और छुआछूत दलितों को बहुत दुख पहुचाती है। कुछ इसी तरह की खबर नेपाल के बझांग जिले के रिसिदी गांव से आई है। जहां एक 50 वर्षीय दलित व्यक्ति को हिंदू मंदिर में प्रवेश करने पर कथित ऊंची जाति के लोगों द्वारा जमकर मारा पीटा गया और मानसिक प्रताड़ित किया गया।
आपको बता दें कि एक दलित व्यक्ति लाल सिंह कृषि सड़क पर रात बिताने के बाद ठंड से बचने के लिए एक स्थानीय दुर्गा मंदिर में चला गया। जिसके बाद कथित ऊंची जाति के लोगों ने उसे जमकर मारा पीटा। ऊंची जाति के लोगों की यातनाएं यहां ही नहीं रुकी बल्कि उन लोगों ने उसे मंदिर अपवित्र करने के पाप के आरोप में मानव मल खिलाने और अपनी बहनों के साथ सेक्स करने की धमकी भी दी।
जब पीड़ित से इस बात को पूछा गया तो उसने बताया कि उसे तथाकथित ऊंची जाति के लोगों ने मंदिर में घुसने की वजह से एक घंटे से ज्यादा बांधकर रखा और जमकर मारा पीटा। उसका कसूर सिर्फ इतना था कि वह दलित था और उसने ठंड से बचने के लिए मंदिर में रात गुजार ली थी। आखिर में दबंगों ने उसे 2,000 रुपये और सोने के एक आने का सिक्का लेकर छोड़ा।
वहीं इस घटना के विरोध में दलित अधिकार संगठन के लोग जातिगत भेदभाव करने और हत्या के प्रयास के आरोप में घटना में शामिल लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराने की बात कर रहे हैं। दलित अधिकार संगठन का कहना है कि यह कोई पहला मामला नहीं है। ज्यादातर मामले समाज में ही सिमटकर रह जाते हैं। इस बार हम शांत नहीं बैठेंगे। आरोपियो को कड़ी से कड़ी से सजा दिलवाई जाएगी।