इस्लामाबाद : पाकिस्तान में अपर हाउस के सांसदों ने सोमवार को आशंका जताई कि यदि पाकिस्तानी हितों की सुरक्षा नहीं की गई तो चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) दूसरी ईस्ट इंडिया कंपनी का रूप ले सकता है। प्लानिंग ऐंड डिवेलपमेंट पर बनी सेनेट स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन ताहिर मशादी ने कहा, ‘यदि राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा नहीं की गई तो निकट भविष्य में हम एक और ईस्ट इंडिया कंपनी देख सकते हैं। हमें पाकिस्तान और चीन की दोस्ती पर नाज है लेकिन हमें अपने हितों को प्राथमिकता देनी होगी।’ इस मामले में कमिटी के सदस्यों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पाकिस्तान की सरकार लोगों के अधिकारों और हितों को नजरअंदाज कर रही है।
ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में ट्रेड मिशन पर आई थी लेकिन बाद में इसी के सहारे ब्रिटेन ने इंडिया को अपना उपनिवेश बना लिया था। ईस्ट इंडिया कंपनी के जरिए ही ब्रिटेन ने संपूर्ण भारत को अपना उपनिवेश बना लिया था। पाकिस्तानी प्लानिंग कमिशन के सेक्रटरी यूसुफ नदीम ने कहा कि कमिटी के कई सदस्यों ने इस मामले में अपना डर जाहिर किया है। इनका कहना है कि सीपीइसी प्रॉजेक्ट में चीनी निवेश और अन्य तरह के विदेशी निवेश के बजाय स्थानीय वित्तपोषण का उपयोग किया जा रहा है। कमिटी ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि सीपीइसी से जुड़े पावर प्रॉजेक्ट्स के पावर टैरिफ चीनी तय करेंगे।
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