यूएन में सभी मुद्दों को सुनने के बाद अपनी आखरी स्पीच में अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा गुस्से में आ गए उन्होने परोक्ष युद्धों में शामिल राष्ट्रों को इसे खत्म करने की अपील की। इसके साथ ही उन देशों को उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समुदायों को सह-अस्तित्व की इजाजत नहीं दी गई तो चरमपंथ के अंगारे उन्हें जला डालेंगे। इससे अनगिनत लोग पीड़ित होंगे और चरमपंथ बाहरी मुल्कों में पहुंचेगा।
ओबामा ने यूएन को अपने आठवे और आखिरी संबोधन में यह इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि चरमपंथी और सांप्रदायिक हिंसा पश्चिम एशिया को अस्थिर कर रहा है और इसके कहीं और फैलने से फौरन नहीं रोका जा सकेगा। उन्होने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71 वें सत्र में कहा, ‘कोई बाहरी शक्ति विभिन्न धार्मिक समुदायों को या जातीय समुदायों को लंबे समय तक सह-अस्तित्व रखने के लिए मजबूर नहीं कर सकती।
उन्होंने चेतावनी दी कि समुदायों के सह-अस्तित्व के बारे में बुनियादी सवालों का जवाब दिए जाने तक चरमपंथ के अंगारे जलते रहेंगे। अनगिनत मानव पीड़ित होंगे और चरमपंथ बाहरी देशों तक फैलता रहेगा। उन्होंने कहा कि हमें इस बात पर जोर देना होगा कि सभी पक्ष एक साझा मानवता को मान्यता दें और अव्यवस्था को बल देने वाले परोक्ष युद्धों को देश खत्म करें।