पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के परिवार के विदेशों में कारोबार की जांच कर रहे पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त संयुक्त जांच दल (जेआईटी) ने पनामा पेपर मामले में उनके बेटे हुसैन नवाज से पूछताछ की।
जेआईटी की पूछताछ के दौरान हुसैन के साथ उनके वकील मौजूद थे, लेकिन जेआईटी ने वकील की मौजूदगी पर आपत्ति जताई और कहा कि न्यायालय से मंजूरी लेने के बाद हुसैन वकील से मदद ले सकते हैं।
अधिकारियों ने कहा कि हुसैन बाद में अकेले जेआईटी के सामने पेश हुए और पूछताछ करीब दो घंटे चली। हुसैन समन जारी किए जाने के बाद इस्लामाबाद के जेआईटी दफ्तर पहुंचे।
बता दें कि हुसैन ने जेआईटी के दो सदस्यों पर पक्षपातपूर्ण रवैये का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। सूत्रों की मानें तो जेआईटी के एक सदस्य को पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपित जनरल परवेज मुशर्रफ का करीबी दोस्त माना जा रहा है। जबकि दूसरे दोस्त को पंजाब के पूर्व गवर्नर मियान अजहर का रिश्तेदार कहा जा रहा है।
क्या है पनामा पेपर्स लीक मामला
अप्रैल 2016 में पनामा पेपर लीक्स के जरिए विदेशों में काला धन रखने वालों की सूची सार्वजनिक हुई थी। इस पेपर्स में नवाज शरीफ और उनके करीबियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे।
लीक हुए दस्तावेजों में बताया गया था कि नवाज की उत्तराधिकारी मरियम नवाज सहित उनके बच्चों ने विदेशों में लाखों डॉलर की संपत्ति अर्जित की है। इसके बाद यह मामला कोर्ट में पहुंचा था और पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने मरियम के वित्तीय स्रोत पर सवाल उठाया था।