काठमांडू। माओवादी नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड बुधवार को नेपाल के प्रधानमंत्री चुन लिये गए। प्रचंड ने प्रधानमंत्री पद के चुनाव के लिए मंगलवार को नामांकन दाखिल किया था। उम्मीद है कि प्रचंड के प्रधानमंत्री चुने जाने से नेपाल में राजनीतिक स्थिरता आएगी।
अपने भारत विरोधी रुख के लिए पहचाने जाने वाले प्रचंड को सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस का समर्थन मिला। इसके अलावा मधेसी पार्टियों ने भी उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया।
मंगलवार को नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देवबा ने सीपीएन-माओवादी सेंटर के प्रमुख प्रचंड की उम्मीदवारी का प्रस्ताव दिया था और माओवादी नेता कृष्ण बहादुर महारा ने इसका समर्थन किया था। यह महत्वपूर्ण घटनाक्रम उस वक्त हुआ है जब एक दिन पहले नेपाली राष्ट्रपति विद्या भंडारी ने बहुमत वाली सरकार के गठन के लिए सभी राजनीतिक दलों का नए सिरे से आह्वान किया था।
इससे पहले राष्ट्रपति की ओर से सरकार के गठन के लिए दी गई समय सीमा खत्म हो गई थी और और प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई थी। इससे पहले, केपी ओली ने बीते 24 जुलाई को नेपाल के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद भारत के इस पड़ोसी देश में नया राजनीतिक संकट पैदा हो गया था।