पाकिस्तान के लिए एक दुखद खबर है, भारत के खिलाफ लगातार नापाक इरादे बनाए पाक के हथियारों में और हवाई ताकत में कुछ ज्यादा बढ़ावा नहीं होने वाला है। विश्व में हथियारों के बड़े निर्माता रूस ने पाकिस्तान को भविष्य में किसी भी तरह के लड़ाकू विमान या अन्य सैन्य एयरक्राफ्ट देने से इनकार किया है। रूस ने यह भी साफ किया है कि पिछले दिनों पाकिस्तान के साथ हुए उसके साझा सैन्य अभ्यास का मकसद भारत के हितों के खिलाफ नहीं था बल्कि पाक में पनप रहे आतंकवाद से निपटने के लिए एक ट्रेनिंग का हिस्सा था। रूस के मुताबिक, ऐसा करके उन्होंने पाकिस्तानी सेना को यह सिखाया कि आतंक के खिलाफ कैसे लड़ें।
पाक की नींद उड़ाने वाली यह बात रूसी डिफेंस कंपनी रोस्टेक स्टेट कॉरपोरेशन के सीईओ सर्गेई चेमेझोव ने कही। चेनेझोव के मुताबिक, पाकिस्तान को किसी भी तरह के लड़ाकू विमान देने संबंधी किसी की करार पर पाक-रूस के बीच दस्तखत नहीं हुए हैं। चेमेझोव ने बताया कि पाक को ट्रांसर्टेशन वाले वाले हेलीकॉप्टर जरूर बेचे गए हैं, और वह डील पूरी भी हो चुकी है।
पाकिस्तान को सिखाने के लिए किया था साझा सैन्य अभ्यास-रूस
सितंबर में रूस और पाकिस्तान के बीच किए गए साझा सैन्य अभ्यास के बारे में चेमेझोव ने कहा कि वह महज आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए पाक सैनिकों को दी गई ट्रेनिंग का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच साझा सैन्य अभ्यास जरूरी था, ताकि इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठनों से निपटा जा सकें। आज आईएस एक वैश्विक चुनौती बन चुका है और पूरी दुनिया में आतंक फैला रहा है। चेमेझोव ने कहा इस्लामिक स्टेट एक वैश्विक आतंकी संगठन है, आईएस के आतंकी पश्चिम एशिया ही नहीं, बल्कि रूस, भारत और पाकिस्तान तक में अपनी जड़े फैला चुके हैं।
उन्होंने कहा कि इसलिए जरूरी था कि पाकिस्तान आतंकियों से निपटना सीखे और इसीलिए उसके साथ रूस ने साझा सैन्य अभ्यास किया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस सैन्य अभ्यास की रत्ती भर भी मतलब भारत को निशाना बनाना नहीं था। चेमेझोव ने कहा कि भारत के साथ रूस के संबंध हमेशा से अच्छे और प्रगाण हैं और आगे भी रहेंगे।