नई दिल्ली। भारत में तीन तलाक पर चल रही बहस के बीच भारतीय मूल के अमेरिकी जानकारों का कहना है कि कुरान के मामले कुरान के जानकार ही बेहतर तय कर सकते हैं और इसलिए तीन तलाक की स्थिति पर पहल भी कुरान के जानकारों को करनी चाहिए।
आपको बता दें कि हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए तीन तलाक को संविधान के खिलाफ और महिला विरोधी करार दिया था। अदालत की तल्ख टिप्पणी के बाद यह मामला फिर गरमा गया है।
‘इस्लामिक लर्निंग सेंटर-कैलिफोर्निया’ के निदेशक डॉ. असलम अब्दुल्ला का कहना है कि तीन तलाक के मामले पर भारतीय मुसलमानों को उन उलेमा को इकट्ठा करने की कोशिश करनी चाहिए जो इस्लाम और कुरान की जानकारी रखते हैं और इस्लाम की परंपराओं से अवगत हैं। ये लोग फैसला करें कि क्या सही है।
उन्होंने कहा कि धार्मिक मामलों में दखल का मामला सिर्फ मुसलामानों तक सीमित नहीं है। अगर एक बार दखल देना शुरू कर दिया गया तो फिर कल हर धर्म के लोगों के धार्मिक मामलों में दखल दिया जाएगा। यह मामला संविधान की अखंडता का भी है।