चर्किन की यह टिप्पणी पाकिस्तान को निराश करने वाली है। पाकिस्तान ने पिछले हफ्ते ही पीओके में इंडियन आर्मी की सर्जिकल स्ट्राइक पर यूनाइटेड नेशन के सिक्यॉरिटी काउंसिल से संपर्क साधा था। इससे पहले यूएन के सेक्रटरी जनरल बान की मून के उपप्रवक्ता फरहान हक से भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की यूएन जनरल असेंबली में की गई उस टिप्पणी के बारे में पूछा गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को कश्मीर का सपना छोड़ा देना चाहिए क्योंकि वह भारत का अभिन्न अंग है। इस पर फरहान हक ने कहा था, ‘यूएन ने भारत और पाकिस्तान की स्थिति को लेकर बयान जारी किया है और मैं फिर से उसी बयान को दोहराऊंगा।’
उनसे फिर पूछा गया कि यूनाइटेड नेशन सुषमा स्वराज की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं दे रहा। इस पर हक ने कहा, ‘हमलोग यूएन जनरल असेंबली में दी गई हर स्पीच पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं देते। हालांकि हमने कश्मीर पर बयान जारी किया है। हमने पिछले हफ्ते शुक्रवार को ही कश्मीर की स्थिति पर प्रतिक्रिया दी थी।’
यूनाइटेड नेशन में पाकिस्तान की दूत मलीहा लोधी ने यूएन में न्यू जीलैंड के राजदूत गेरार्ड वान से मुलाकात की थी। वान सितंबर महीने में यूएन सिक्यॉरिटी काउंसिल के प्रेजिडेंट थे। लोधी ने वान के समक्ष इंडियन आर्मी की सर्जिकल स्ट्राइक का मुद्दा उठाया था। लोधी ने यूएन चीफ बान की मून से भी मुलाकात की थी। हालांकि लोधी की दोनों मुलाकात नाकाम रही। यूएन ने साफ कहा कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है और दोनों देशों को संवाद के जरिए सुलझाना चाहिए।