हालांकि अमेरिका के इस कदम की आलोचना भी शुरू हो गई है। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने ट्वीट करते हुए कहा है कि यह बम आतंकवाद के खिलाफ नहीं बल्कि अफगानियों पर गिराया गया है। उन्होंने इस घटना को अमानवीय बताते हुए लिखा है कि अमेरिका अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल अपने घातक हथियारों को टेस्ट करने के लिए कर रहा है।
अफगानिस्तान में सुरक्षा के हालात अभी भी अनिश्चित हैं। अमेरिका पिछले 15 सालों से अफगानिस्तान में तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों से युद्ध की स्थिति में है। अफगानिस्तान में कई आतंकी संगठन अपना कब्जा जमाने की कोशिश में लगे हुए हैं। इस मुल्क में फिलहाल अमेरिका के करीब 8400 सैनिक जमे हुए हैं।
क्या है ‘मदर ऑफ ऑल बॉम्स’
अमेरिका ने अफगानिस्तान में GBU-43/B मैसिव ऑर्डनंस एयर ब्लास्ट (MOAB) नाम का बम गिराया है। इस बम को ‘मदर ऑफ ऑल बॉम्स’ यानी ‘सभी बमों की मां’ भी कहा जाता है। इसका वजन 21, 600 पाउंड यानी 9,797 किलो है। यह GPS से संचालित होने वाला विस्फोटक है। अमेरिका के हथियारों के जखीरे में काफी वक्त से शामिल इस बम का पहली बार इस्तेमाल किया गया है।