नई दिल्ली। पाकिस्तान ने शुक्रवार(28 अक्टूबर) को कहा कि दिसंबर में अमृतसर में अफगानिस्तान पर होने वाले ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में शरीक होगा। लेकिन भागीदारी के तरीके और स्तर पर फैसला नहीं किया है। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही भारत ने इस बैठक में भाग लेने के पाक के फैसले का स्वागत किया है।
विदेश विभाग प्रवक्ता नफीस जकारिया ने साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य अन्य क्षेत्रीय देशों के सहयोग के साथ अफगानिस्तान का विकास करना है जो अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता की हर कोशिश का समर्थन का पाकिस्तान की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
हालांकि प्रवक्ता ने इसके तरीके और बैठक में पाकिस्तान की भागीदारी के स्तर के बारे में नहीं बताया जो नियंत्रण रेखा पर भारी गोलीबारी के चलते जानें जाने और बढ़ते तनाव के मद्देनजर हो रही है।
उन्होंने कहा कि ‘‘हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में भागीदारी के तरीके और स्तर पर फैसला नहीं हुआ है।’’ एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारतीय उच्चायोग में निष्कासित भारतीय कर्मचारी ऐसी गतिविधियों में शामिल था जो पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के सीधे तौर पर खिलाफ था।
उन्होंने कहा कि भारत के पास कोई सबूत नहीं है, लेकिन यह पाक के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाता रहा है। इसके ठीक उलट हमारे पास पाकिस्तानी सरजमीं की अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ भारत की संलिप्त्ता के बारे में अकाट्य सबूत हैं।