वाराणसी : छतों पर जल रही हैं लाशें, जानिए क्यों

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वाराणसी

भारी बारिश और बाढ़ के कहर से देश के कई हिस्से जूझ रहे हैं। इसका असर पावन नगरी वाराणसी में भी देखने को मिला। वाराणसी में गंगा खतरे के निशाने से ऊपर है, जिसके कारण लोगों के सामने अंतिम संस्कार करने की भी समस्या खड़ी हो गई है।पानी ज्यादा होने की वजह से घाटों के आसपास के घरों के ऊपर अंतिम संस्कार किया जा रहा है।

cremetionभारी बारिश से यूपी-बिहार समेत देश के कई राज्य परेशान हैं। उत्तरी यूपी और बिहार के एक लाख से ज्यादा लोग घर छोड़ चुके हैं और दोनों राज्यों में अब तक 30 लोगों की मौत हो गई है। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता शैलेंद्र पांडे ने बताया कि बाढ़ के कारण वाराणसी में गंगा का पानी किनारों पर आ गया है। अंतिम संस्कार करने के लिए जगह उपलब्ध नहीं है। जिसके चलते लोग घाट के पास की पुरानी हवेलियों और घरों की छत पर अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर है।

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वाराणसी में देश के पवित्र स्थानों में शुमार किए जाते हैं। हजारों की संख्या में लोग यहां अपने रिश्तेदारों का अंतिम संस्कार करने आते हैं। कुछ ऐसा ही हाल यूपी के इलाहाबाद का भी है। यहां लोगों को गलियों में अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। भारी बारिश और बाढ़ की समस्या को लेकर मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र से मुलाकात की। उन्होंने पीएम से हालात का जायजा लेने के लिए विशेषज्ञों की टीम भेजने की मांग की है।

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बाढ़ और भारी बारिश से प्रभावित राज्यों में नेशनल डिजास्टर रिसपॉन्स टीम (एनडीआरएफ) की कुल 56 टीमें बचाव और राहत कार्य में जुटी है। साथ ही बिहार और उत्तर प्रदेश की स्थिति पर नजर रखने के लिए दो डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल रैंक के अधिकारियों को लगाया गया है। इस मानसून सीजन में एनडीआरएफ की टीमें पूरे देश में 26,400 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकाल चुकी हैं।

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