मुंबई की सबसे बड़ी और मशहूर हाजी अली दरगाह पर अब महिलाएं भी जा सकेंगी। बोम्बे हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दरगाह के भीतरी गर्भगृह में प्रवेश पर पाबंदी को गैरजरूरी माना और उसपर लगे बैन को हटा लिया। यही नहीं कोर्ट के फैसले में महिलाओं को समान अधिकार देत हुए… महिलाओं को दरगाह पर चादर चढ़ाने का भी अधिकार दिया। आपको बता दें दरगाह के ट्रस्ट ने दरगाह के भीतरी गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाई थी। 9 जुलाई 2016 को दो जजों की बेंच में इस मामले को लेकर अंतिम सुनवाई हुई थी, जिसके बाद बोम्बे हाईकोर्ट ने इसपर आज अपना फैसला सुना दिया।
क्या था पूरा विवाद ?
जस्टिस वीएम कनाडे और जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे की खंडपीठ मामले की सुनवाई कर रही है। याचिकाकर्ता नूरजहां सफिया नियाज की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव मोरे ने हाई कोर्ट में पैरवी की। नियाज ने अगस्त 2014 में अदालत में याचिका दायर कर यह मामला उठाया था। उन्होंने हाई कोर्ट से सूफी संत हाजी अली के मकबरे तक महिलाओं के प्रवेश की इजाजत मांगी थी। अदालत ने दोनों पक्षों को आपसी सहमति से मामला सुलझाने को भी कहा, लेकिन दरगाह के अधिकारी महिलाओं को प्रवेश नहीं करने देने पर अड़े हुए हैं।
गर्भगृह में महिलाओं का प्रवेश ‘पाप’ के समान – ट्रस्ट
दरगाह के ट्रस्ट का कहना है कि यह प्रतिबंध इस्लाम का अभिन्न अंग है और महिलाओं को पुरुष संतों की कब्रों को छूने की इजाजत नहीं दी जा सकती है> अगर ऐसा होता है और महिलाएं दरगाह के भीतर प्रवेश करती हैं तो यह ‘पाप’ होगा।
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क्या कहती है महाराष्ट्र सरकार ?
दूसरी ओर, राज्य सरकार ने कोर्ट से कहा कि महिलाओं को दरगाह के भीतरी गर्भगृह में प्रवेश करने से तभी रोका जाना चाहिए अगर यह कुरान में निहित है। सरकार ने कहा, ‘दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी को कुरान के विशेषज्ञों के विश्लेषण के आधार पर सही नहीं ठहराया जा सकता है।’
आपको बता दें कि दरगाह में महिलाओं के प्रवेश को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा है इससे पहले महिलाओं ने यहां जबरन प्रवेश करने की कोशिश भी की थी। लेकिन ट्रस्ट के आग वो ऐसा करने में असफल रहीं। पुणे की स्वराज महिला संगठन की सदस्यों ने अपने अधिकार के लिए मोर्चा खोला और एक लंबी लड़ाई लड़ी।
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क्या कहते हैं महिला संगठन ?
स्वराज महिला संगठन की सदस्यों के मुताबिक, सभी धर्मों में महिलाओं को पूजा पाठ और इबादत का समान अधिकार मिलना चाहिए। उनका मानना है कि जब पहले महिलाओं को हाजी अली में जाने की इजाजत थी, तो फिर अब क्यों उन्हें रोका जा रहा है? उन्होंने ये भी कहा कि कुरान में कहीं भी महिलाओं के दरगाह में प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं है।