पंजाब में आम आदमी पार्टी यानी आप आगामी चुनावों में अपना लोहा मनवाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है। लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि आप पार्टी हर रोज़ नए-नए विवादों में घिर रही है। आप पार्टी के साथ नए विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब पंजाब में पार्टी कार्यकर्ता को चुनावी टिकट देने के बदले कथित रूप से दो लाख रुपये लेते हुए स्टिंग ऑपरेशन के दौरान पकड़े गए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सुच्चा सिंह छोटेपुर को पार्टी द्वारा बाहर का रास्ता दिखाया जाना लगभग तय है। सूत्रों के मुताबिक, हाईकमान ने अपनी पार्टी की पंजाब इकाई के संयोजक सुच्चा सिंह पर लगे आरोपों को गंभीरता से लिया है, और इस मुद्दे पर फैसला शुक्रवार शाम 6 बजे दिल्ली में होने वाली पोलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में लिया जाएगा।
पंजाब ‘आप’ के कम से कम दो दर्जन नेताओं ने पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को खत लिखकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कथित स्टिंग ऑपरेशन की वीडियो क्लिप पार्टी के शीर्ष नेताओं तक पहुंच चुकी है। इस पर पार्टी प्रवक्ता हिम्मत सिंह शेरगिल ने कहा, “हमारी पार्टी में भ्रष्टाचार करने वालों पर दया नहीं दिखाई जाती, और अगर सबूत हमारे शीर्ष नेताओं तक पहुंच गए हैं, तो (सुच्चा सिंह) छोटेपुर के खिलाफ कार्रवाई होगी…”
उधर, पंजाब में सुच्चा सिंह छोटेपुर ने इन आरोपों का खंडन किया है, और उनका दावा है कि यह उन्हें बदनाम करने की साज़िश है. उन्होंने दावा किया, “यह मेरे खिलाफ की गई साज़िश है, जो मेरी ही पार्टी के कुछ लोगों ने की है… मैं शुक्रवार को सब उजागर कर दूंगा…”
एक वक्त में अरविंद केजरीवाल के करीबी माने जाते रहे सुच्चा सिंह छोटेपुर गुरदासपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन बाद में दोनों नेताओं के बीच दूरियां आ गई थीं, जब अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए टिकटों के बंटवारे को लेकर छोटेपुर ने कुछ टिप्पणियां कीं। पार्टी अब तक प्रत्याशियों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है, और सुच्चा सिंह छोटेपुर दोनों ही मौकों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस से नदारद थे। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सुच्चा सिंह और सीएम अरविंद केजरीवाल के बीच दूरियां आ चुकी हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि इन दूरियों के चलते सुच्चा सिंह को पार्टी कभी भी बाहर का रास्ता दिखा सकती है।