समाजवादी पार्टी में जारी घमासान के बीच मान-मनौव्वल का दौर शुरू हो गया है। लखनऊ में सीएम अखिलेश यादव से मिलने के बाद पार्टी महासचिव राम गोपाल यादव ने गुरूवार को कहा कि मुख्यमंत्री को बाहरी दखल बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव के सरल स्वभाव का फायदा उठाते हैं। इससे पहले बुधवार को अखिलेश यादव ने कहा था कि मौजूदा संकट के लिए परिवार से बाहर का व्यक्ति जिम्मेदार है। अखिलेश ने हालांकि किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन समझा जा रहा है कि यह निशाना सांसद अमर सिंह पर था।
अमर की पार्टी में फैला रायता
मुलायम के कुनबे में जारी घमासान अखिलेश सरकार के दो मंत्रियों और फिर मुख्य सचिव के हटाए जाने के बाद शुरू हुआ। इस घटना की पृष्ठभूमि में हाल में कुछ ऐसी बातें हुईं जो इस पूरे प्रकरण के लिए अमर सिंह को जिम्मेदार ठहराती हैं। दरअसल, इस फेरबदल की पटकथा रविवार रात अमर सिंह की एक पार्टी में लिखी गई थी। नई दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल में आयोजित इस पार्टी में मुलायम सिंह के अलावा शिवपाल सिंह और मुख्य सचिव दीपक सिंघल भी शरीक हुए थे। इस पार्टी के लिए न्योता तो अखिलेश को भी गया था लेकिन वो नहीं आए थे।
अमर सिंह की खूब सुनते हैं नेताजी
बताया जा रहा है कि इस पार्टी के दौरान अमर सिंह ने दीपक सिंघल की मौजूदगी में मुलायम सिंह को बताया कि यूपी के खनन मंत्री गायत्री प्रजापति सीबीआई के रडार पर हैं। अगर वो गिरफ्तार होते हैं तो समाजवादी पार्टी, प्रदेश सरकार और मुलायम परिवार के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। अगले दिन मुलायम ने अमर सिंह और दीपक सिंघल को दिल्ली स्थित अपने आवास पर बुलाया। मुलायम के पूछने पर इन दोनों ने रात की बात दोहरा दी। इस पर मुलायम सिंह ने अखिलेश को गायत्री प्रजापति के साथ साथ राज किशोर सिंह का भी विभाग बदलने को कह दिया।
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