नई दिल्ली:रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार की गईं तीस हजारी अदालत की पूर्व जज रचना तिवारी लखनपाल पति से इंसाफ़ की दलाली करवाती थीं। अदालत का आदेश पक्ष में देने के लिए वह पति के माध्यम से रुपये वसूलती थीं। तीस हजारी की विशेष सीबीआइ अदालत के समक्ष सीबीआइ ने यह दावा किया है। न्यायाधीश संजीव अग्रवाल के समक्ष सीबीआइ ने कहा कि रचना के पति मनोज लखनपाल का मोबाइल फोन छापेमारी के दौरान जब्त कर लिया गया था। जांच में पता चला कि लोकल कमिश्नर विशाल मेहन की तरह वह अन्य कई लोगों से इसी प्रकार संपर्क में थे। मैसेज बॉक्स की जांच करने पर पता चला कि वह पत्नी के लिए दलाली करने का काम करते थे। मैसेज में पीड़ितों, वकीलों व मध्यस्थता कराने वाले अन्य लोगों से रुपये मांगने, रुपये देने के लिए आने का समय जैसी जानकारी मिली हैं। डील के मुताबिक रुपये देने वालों के पक्ष में ही रचना फैसला सुनाती थीं।
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