BHU के कुछ नियमों पर आपत्ति जताते हुए कहा जा रहा है कि वहां RSS की विचारधारा थोपी जा रही है। न तो यहां छात्राएं रात के वक्त अपने मोबाईल फोन पर हास्टल में बात कर सकती है, न ही उन्हे लड़को के हास्टल के तर्ज पर मेस में मांसाहार भोजन मिल सकता है, देर शाम कैम्पस में छात्र-छात्राएं एक साथ देख लिए गए फिर तो उन दोनों की शामत, छात्राओं के कपड़े भी वि.वि. तय करता है और तो और शहर छोड़ना भी हो तो हास्टल बंद होने के पहले और सुनिए, वि.वि. के किसी भी फैसले के खिलाफ छात्राएं इसलिए नहीं बोल सकती क्योंकि उनसे पहले ही शपथपत्र पर हस्ताक्षर करा लिया जाता है। दरअसल ये आरोप हम नहीं काशी हिंदू विवि की छात्राएं खुद BHU पर लगा रहीं हैं और सूचना के अधिकार और छात्रावास की नियमावली में भी इसमें से कई पाबंदियों के प्रमाण हैं।
सारी पाबंदियां छात्राओं के लिए है जबकि छात्रों पर ऐसी कोई रोकटोक नहीं है। RTI एक्टविस्ट और विवि से सस्पेंड चल रहे छात्र सुशांत का आरोप है कि BHU पर RSS की विचारधारा थोपी जा रही हैं। नवम्बर 2014 तक आखिर कैसे गर्ल हास्टल में नानवेज बनता था? प्रास्पेक्टर में बताया गया है कि बस सेवा लड़कियों के लिए है तो आखिर क्यों रात में बस की सेवा छात्राओं को नहीं दी जाती? मोरल पुलिसिंग के नाम पर छात्र-छात्राओं की धरपकड़ खुद कुलपति करते है।
अगले पेज पर पढ़िये और क्या क्या नियम लगाए गए हैं छात्रों पर