पूर्व जज को रंगे हाथों पकड़ने से पहले सीबीआइ ने किसी भी पहलू पर कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी। सभी आरोपियों के फोन टैप करने से लेकर छापेमारी के दौरान वीडियो रिकॉर्डिग की गई। सीबीआइ ने अदालत के समक्ष इस बात की पुष्टि की है। जांच एजेंसी ने रिकार्डिग का हवाला देते हुए कहा कि घटना वाले दिन पहले मनोज ने विशाल को फोन कर कहा कि रुपये देने के लिए वह या तो उन्हें दरियागंज इलाके में मिले या उनके घर आ जाए। रात 9:05 बजे मनोज ने उसे घर आने के लिए कहा। रात 10:15 बजे सीबीआइ की टीम विशाल मेहन, पूर्व जज के खिलाफ शिकायत करने वाले शख्स व स्वतंत्र गवाहों के साथ रचना के घर के पास पहुंची।
सीबीआइ ने डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) ऑन करने के बाद विशाल मेहन के कपड़ों के साथ उसे फिट कर दिया। 10:21 बजे उसे घर के अंदर भेजा गया। वह 10 मिनट तक रचना के घर में रहा। रचना की मौजूदगी में उसने मनोज को पांच लाख रुपये से भरा नारंगी रंग का बैग दिया, जिसमें से एक लाख रुपये उसे वापस देकर जाने को कहा गया। विशाल के बाहर आने के बाद जज के घर छापेमारी की गई। चार लाख रुपये से भरा बैग बरामद कर लिया गया। घर की तलाशी के दौरान 94 लाख रुपये मिले।































































