जम्मू के हीरानगर में पाकिस्तानी फायरिंग में बीएसएफ के जवान गुरनाम सिंह घायल हो गए थे, जहां उनका अभी इलाज चल रहा है। जिसके बाद उन्हें तुरंत जम्मू के एक अस्पताल में ले जाया गया। जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ रहे हैं जांबाज जवान गुरनाम सिंह की सलामती की दुआ कर रहा है।
गुरनाम के घायल होने पर उनकी बहन ने सवाल उठाते हुए कहा कि, सरकार उन्हें इलाज के लिए विदेश क्यों नहीं भेजती? मंत्री जा सकते हैं लेकिन एक सैनिक क्यों नहीं?
बीएसएफ के आईजी डीके उपाध्याय ने कहा कि मैं गुरनाम की बहादुरी की प्रशंसा करना चाहता हूं। 26 साल का गुरनाम 2010 में बीएसएफ में भर्ती हुआ था। अपने परिवार में वो इकलौते कमाने वाले हैं। उनके माता-पिता उनकी शादी की भी योजना बना रहे थे। फायरिंग से एक दिन पहले उन्होंने अपनी बहन गुरजीत कौर को बताया था कि कैसे उन्होंने और उनके साथियों ने घुसपैठ के प्रयास को नाकाम कर दिया था।