पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल को उस समय तगड़ा झटका लगा जब हार्दिक के पुराने साथी और पाटीदार आंदोलन के शुरुआती दिनों के उनके साथी रहे केतन पटेल को राष्ट्रद्रोह के केस में कोर्ट ने बरी कर दिया गया है। वहीं केतन पटेल की ओर से सेशन कोर्ट में लगाई गई अर्जी पर उसे सरकारी गवाह बनने की इजाजत भी मिल गई है। गौरतलब है कि हार्दिक पटेल और उसके चार साथियों पर आंदोलन के दौरान राष्ट्रद्रोह का आरोप लगा कर गुजरात पुलिस ने 9 महीने तक जेल में बंद रखा था। हार्दिक ओर उसके साथी फिलहाल जमानत पर रिहा है।
एक वक्त था कि हार्दिक पटेल ओर केतन पटेल को पाटीदार आंदोलन की नींव कहा जाता था। दोनों ही आंदोलन को आगे ले जाने के लिए हमेशा एक दूसरे के साथ रहते थे। जमानत पर रिहा होने के बाद हार्दिक पटेल और केतन पटेल ने एक-दूसरे का साथ छोड़ दिया और तब से ही आरोप प्रत्यारोप की राजनीति जारी है। हालांकि, अब केतन के सरकारी गवाह बनने से हार्दिक के लिए फैसले और रणनीति की पूरी जानकारी कोर्ट तक पहुंचेगी। जिसकी वजह से गुजरात चुनाव के वक्त पर हार्दिक की मुसीबतें और भी बढ़ सकती है।
आपको बता दें कि, हार्दिक पटेल फिलहाल पाटन में लूट और मारपीट के केस में तीन दिन की पुलिस रिमांड पर है। आज पाटन पुलिस उन्हें कोर्ट में पेश करेगी। ऐसे में अगर केतन के बयान पर कार्रवाई होती है तो हार्दिक पटेल को लंबे समय तक जेल में रहना पड़ सकता है।