हिंदी सीखने के लिए ममता बनर्जी कर रही हैं टीचर की तलाश

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ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी भाषा को लेकर काफी सीरीयस रहती हैं। अब ममता हिंदी सीखने के लिए काफी गम्भीर दिखाई दे रही हैं वह डार्जिलिंग में नेपाली बोलती हैं और मिदनापुर में संथाल बोलने की कोशिश करती हैं। उनकी इस आदत को देखने के बाद जब वह ट्वीटर पर हिंदी में ट्वीट करना शुरू की तो लोगों ने उनके अगले कदम का अंदाजा लगा लिया।

अंग्रेजी अखबार के मुताबिक,  पश्चिम बंगाल में अपनी स्थिति मजबूत करने के बाद ममता बनर्जी अपनी प्रोफाइल को दिल्ली में बढ़ाना चाहती हैं। दिल्ली के जंतर-मंतर में अपनी रैली को संबोधित करने के बाद वह अगले हफ्ते लखनऊ और पटना की रैली की तैयारी में हैं। जहां वह प्रधानमंत्री के नोटबंदी की नीति पर निशाना साध सकती हैं। टीएमसी के सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि रैली से पहले ममता बनर्जी हिंदी टीचर की तलाश कर रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने बंगाली-हिंदी शब्दकोश भी खरीदा लिया है।

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ममता बनर्जी मानती हैं कि 1984 में वह दिल्ली में थीं। पहले एक सांसद के तौर पर और बाद में केंद्रीयमंत्री के रूप में वह दिल्ली में रहीं। उस दौरान वह हिंदी बोलती थीं। लेकिन, साल 2011 के बाद वह प्रदेश की राजधानी में सक्रिय हो गईं और कम इस्तेमाल होने की वजह से उनकी हिंदी खराब हो गई। ममता बनर्जी की एक करीबी ने बताया कि मुख्यमंत्री एक किताब भी लिख रही हैं। इसमें हिंदी की कविताएं होंगी। इसके साथ ही टीएमसी ममता बनर्जी की बायोग्राफी ‘मेरी संघर्षपूर्ण यात्रा’ को एक बार फिर पब्लिश कर सकती है।

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बताते चलें कि बीते 16 नवंबर को ममता बनर्जी ने हिंदी में पहला ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ आजादपुर मंडी में रैली की घोषणा की थी। ठीक चार दिन बाद उन्होंने ट्वीट के सिरीज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला था। ये सभी ट्वीट पहले हिंदी में और बाद में इंग्लिश में अनुवाद किए गए थे।

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