SYL मामले में पंजाब सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

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सतलुज यमुना लिंक

सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है और कोर्ट ने सरकार के लिए नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने तीनों रिसीवरों से भी रिपोर्ट फाइल करने के लिए कहा है। इसमें केंद्रीय गृह सचिव, डीजीपी पंजाब और चीफ सेक्रटरी शामिल हैं। मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होनी है। गौरतलब है कि एसवाईएल मामले में कोर्ट ने टर्मिनेशन ऑफ अग्रीमेंट एक्ट 2004 को असंवैधानिक बताया था।

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कोर्ट के फैसले का संदेश यह था कि सतलुज यमुना लिंक नहर बनेगी, जिससे हरियाणा को पानी मिलेगा। इस पर पंजाब के संत्ता और विपक्ष के राजनेताओं ने जिस प्रकार प्रतिक्रिया दी, वह हैरान कर देने वाली है। फैसले से नाराज पंजाब कांग्रेस के सभी 42 विधायकों ने विधानसभा से स्तीफा दे दिया। पंजाब किसी कीमत पर एक बूंद किसी को भी न देने का ऐलान कर चुका है, बल्कि एसवाईएल नहर के लिए अधिग्रहित की गई जमीन को डीनोटिफाई कर इसे वापस किसानों को सौंपने की प्रक्रिया तेज करवा दी। इधर, हरियाणा ने पंजाब के कदमों पर नजर रखते हुए अपने स्तर पर कदम उठाए। हरियाणा की याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है।

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हरियाणा चाहता था कि एसवाईएल की जमीन बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट रिसीवर नियुक्त करे। इसलिए हरियाणा ने याचिका दी थी। हरियाणा नहीं चाहता कि आधी बनी हुई नहर को कोई नुकसान पहुंचे। केंद्र सरकार ने 2004 में एक कमिटी गठित की थी, लेकिन इस नहर के निर्माण के लिए कुछ किया नहीं गया। हरियाणा ने पंजाब सरकार पर कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।

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