हैदराबाद में आयकर विभाग उस वक्त चौक गया जब एक कैब ड्राइवर के खाते में 7 करोड़ रुपए होने की जानकारी मिली। यह ड्राइवर कैब कंपनी उबर के लिए काम करता है। इस बात का भी पता लगा है कि कैब ड्राइवर के अकाउंट में बिना उसकी जानकारी के 7 करोड़ रुपये जमा हुए और फिर वहां से सर्राफा व्यापारी के अकाउंट में ट्रांसफर हो गए।
आइटी अधिकारी ने बताया, उबर कैब ड्राइवर का अकाउंट नोटबंदी के पहले निष्क्रिय था। रकम जमा होने के तुरंत बाद, यह राशि चरणों में सर्राफा व्यापारी के अकाउंट में रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) के जरिए ट्रांसफर की गयी। आयकर विभाग ने बताया, ‘जब हमने कैब ड्राइवर से इस बारे में बात की तब वह कुछ नहीं बता सका।‘
आयकर सूत्रों के अनुसार जब ड्रायवर से इतना कैश जमा होने और दूसरे खाते में ट्रांसफर होने को लेकर पूछताछ की गई तो उसने इस बात से अनभिज्ञता जताई की उसके खाते में पैसा कहां से डला। टीम ने संदिग्ध लेन-देन को शून्य करते हुए बैंक के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखना शुरू किया है।
जांच अधिकारी के अनुसार हम बैंक और आसपास के सीसीटीवी की फुटेज चैक कर रहे हैं जिसमें पता चला है कि यह नकदी ड्रायवर के दो साथियों ने जमा करवाई है। टीम ने इन दोनों को ढूंढ लिया है और पूछताछ के लिए बुधवार को हिरासत में ले लिया।
एक वरिष्ठ आयकर अधिकारी के अनुसार हमने उनसे पूछताछ की है जिसकी रिकॉर्डिंग भी कर ली गई है। वो दोनों इस नकदी पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत टैक्स देने के लिए तैयार हो गए हैं। इसके तहत उन्हें 3.5 करोड़ टैक्स और 25 प्रतिशत पेनल्टी देनी होगी।