राजस्थान सरकार ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड स्कूल पाठ्यक्रम के स्लेबस में नोटबंदी और कैशलेस संकल्पना को शामिल करने जा रहा है। आने वाले शिक्षा सत्र से बारहवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में नोटबंदी और कैशलेस योजना को शामिल किया जाएगा।
बोर्ड की सचिव मेघना चौधरी ने कहा कि बदलते माहौल में विद्यार्थियों को नोटबंदी और कैशलेस योजना के बारे में जानकारी होनी चाहिए। ऐसे में बोर्ड ने बारहवीं कक्षा के अर्थशास्त्र विषय की पाठ्यपुस्तक में नोटबंदी और कैशलेस विषय को शामिल करने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने इस विषय पर पाठ तैयार करने के लिए सम्बधित लेखकों को निर्देश दे दिये हैं।
RBSE के चेयरपर्सन बीएल चौधरी ने कहा, ऐसा देखा गया है कि स्कूल के बच्चे नोटबंदी के विषय में ज्यादा कुछ नहीं जानते। उन्हें नहीं पता कि असल में क्या हुआ था। वे लोग कैशलेस सोसाइटी और इकनॉमी के फीचर्स के बारे में भी ज्यादा नहीं जानते।
बीएल चौधरी ने आगे कहा, हम लोग अर्थशास्त्र में नोटबंदी के चैप्टर को डालेंगे। इसके लिए हमने अर्थशास्त्र और कंप्यूटर साइंस के टीचर्स को लगा दिया है। वे लोग स्टूडेंट्स को नोटबंदी और कैशलेस सासाइटी के फायदे-नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस को वसुंधरा सरकार का यह फैसला पसंद नहीं आया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलेट ने नोटबंदी को किताब में शामिल करने के फैसले को हास्यास्पद बताया।