केजरीवाल सरकार ने जताई बजट से निराशा कहा, हमें नहीं मिला एक भी रुपया

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मोदी सरकार के आम बजट पर हर कोई पार्टी निराशा जता रहा हैं। हर किसी का यही कहना हैं कि आम बजट में ऐसा कुछ खास नहीं हैं जिससे जनता को कोई लाभ हो। चाहे वो नीतीश कुमार हो या फिर दिल्ली सरकार सबने इस पर घोर नाराजगी जताई हैं। दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया है कि 2017-18 के केंद्रीय बजट में दिल्ली के लिए एक रुपए का भी इजाफा नहीं किया गया है। राज्य सरकार का कहना है कि पिछले 17 सालों से केंद्रीय करों में दिल्ली की साझेदारी 325 करोड़ रुपए पर ही ठहरी हुई है, जबकि राजधानी के अपने बजट का आकार पांच गुना हो गया है। दिल्ली सरकार ने स्थानीय निकायों के लिए केंद्र द्वारा धन आबंटन नहीं किए जाने की भी आलोचना की है।

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संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट पेश करने के तुरंत बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली को केंद्रीय करों में साझेदारी में इजाफे से इस साल भी वंचित रखा गया। दिल्ली सरकार की तरफ से विस्तृत प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया, ‘दिल्ली सरकार के विभिन्न विकास कार्यों को वित्त प्रदान करने के लिए केंद्रीय करों में वैधानिक योग्यता बनती है। इसके लिए हमने केंद्र से कई बार आग्रह किया है कि केंद्रीय करों में हमारी साझेदारी बढ़ाकर 5000 करोड़ रुपए किया जाए।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का अपना बजट वर्ष 2001-02 में 8739 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2016-17 में 46,600 करोड़ रुपए हो गया है, जबकि इस अवधि में केंद्रीय करों में साझेदारी 325 करोड़ रुपए पर अटकी हुई है।
दिल्ली सरकार ने नगर निगमों के लिए भी केंद्रीय बजट में किसी तरह के आबंटन नहीं किए जाने का भी आरोप लगाया है। सरकार का कहना है कि उसके स्थानीय निकायों के लिए 4087 करोड़ रुपए की राशि का आग्रह किया था, जो कि 14वें केंद्रीय वित्त आयोग की अनुशंसाओं के अनुरूप था, लेकिन केंद्र की तरफ से कोई सहायता नहीं दी जा रही है, जबकि दिल्ली सरकार ने अपने वार्षिक कर संग्रह से 10.5 फीसद राशि स्थानीय निकायों को दे रही है।

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दिल्ली सरकार ने मोदी सरकार के बजट में राजधानी के लिए केंद्रीय सहायता में किसी तरह का इजाफा नहीं किए जाने पर निराशा जताई है। राज्य सरकार ने कहा है कि 2017-18 के लिए प्रस्तावित केंद्रीय सहायता 412.99 करोड़ रुपए है जो कि वर्ष 2016-17 के स्तर पर ही है। दिल्ली सरकार ने केंद्रीय सहायता को बढ़ाकर 1500 करोड़ रुपए करने का आग्रह किया था। राज्य सरकार ने 1984 सिक्ख दंगों के मुआवजे पुनर्भुगतान और आपदा प्रबंधन फंड के लिए आबंटित राशि पर भी निराशा जताई है। सरकार ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को 758 करोड़ रुपए आबंटित किया है जो वर्तमान बजट के बराबर ही है।

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