नगालैंड के मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग से आदिवासी संगठनों ने इस्तीफे की मांग करते हुए ऐसा ना करने पर गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी है। नगालैंड ट्राइब्स एक्शन कमेटी (कोहिमा) और संयुक्त समन्वय समिति ने मुख्यमंत्री को यह चेतावनी दी है।
बता दें कि राज्य के शहरी निकायों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का नगा आदिवासी समूहों ने पुरजोर विरोध किया था। इसे लेकर हिंसा हो गई, जिसके बाद इसके आदिवासी संगठनों ने मुख्यमंत्री जेलियांग को इस्तीफे देने के लिए तीन दिन की मोहल्लत दी थी।
इन नगा संगठनों ने अपने बयान में कहा था कि नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री का इस्तीफा ही एकमात्र तर्कसंगत कार्रवाई हो सकती है, जो शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) चुनावों के मद्देनजर कुछ क्षेत्रों में लोगों के मरने, घायल होने और संपत्ति को नुकसान को कम कर सकती है।”
आदिवासी संगठनों की यह मोहलत शुक्रवार को खत्म हो गई है। इस पर संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा, “मोहलत खत्म होने के बाद राज्य के लोगों के पास कड़े कदम उठाने के अलावा कोई और रास्ता ही नहीं बचेगा और इसके जो भी परिणाम होंगे उसके लिए टी आर जेलियांग और उनका मंत्रिपरिषद पूरी तरह से जिम्मेदार होगा।”
यह कदम उस समय उठाया गया है जब गुरुवार को मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से राजधानी दिल्ली में मुलाकात कर 33 प्रतिशत महिला आरक्षण के साथ शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने के संवैधानिक दायित्व को पूरा करने के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता जताई थी।