2007 में हुए अजमेर दरगाह ब्लास्ट मामले में एक संदिग्ध ने चौंकाने वाला दावा किया है। ब्लास्ट मामले में बुधवार (22 मार्च) को देवेंद्र गुप्ता और भावेश पटेल को आजीवन कारावास की सजा मिली है। सजा तय करने से पहले NIA कोर्ट ने 8 मार्च को तीन आरोपियों को दोषी करार दिया था। इनमें सुनील जोशी(2007 में मृत), भावेश और देवेंद्र गुप्ता को दोषी करार दिया गया। वहीं इस मामले से जुड़े एक संदिग्ध भरत मोहनलाल रतेशवर ने चौंकाने वाला दावा किया है। रतेशवर ने एनआईए को अपने स्टेटमेंट बताया था कि ब्लास्ट मामले के दोषी सुनील जोशी, जिसकी 2007 में मध्य प्रदेश में हत्या हो गई थी, उसकी उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्य नाथ मुलाकात हुई थी। बयान के मुताबिक, रतेशवर ने कहा- “हम एक आश्रम के गेस्ट हाउस में रुके थे। रात के लगभग 9 बजे थे और मैं और जोशी आदित्य नाथ से मिलने उनके घर के हाल में गए थे। वहां जाकर मैं कुछ दूरी पर खड़ा हो गया लेकिन जोशी आदित्य नाथ के करीब जाकर बैठ गया। दोनों बड़े ही गुप्त तरीके से धीमी आवाज में बातें कर रहे थे।”
वहीं इस मामले पर रतेशवर के काउसेल जे एस राणा ने कहा है कि उसका बयान बतौर गवाह लिया गया था और बाद में उसे आरोपी बनाया गया, ऐसे में उसके बयान के कोई मायने नहीं। राजस्थान एटीएस और एनआईए की जांच के मुताबिक मीटिंग आदित्य नाथ के गोरखपुर स्थित घर में मार्च-अप्रैल 2006 में हुई थी। एनआईए ने बाद में यह दावा भी किया था कि दिसंबर 2007 में जोशी की हत्या के बाद उसकी जेब से जो डायरी बरामद की गई थी उसने योगी के कॉन्टैक्ट नंबर पाए गए थे। वहीं एक्सप्रेस ग्रुप के संपर्क करने पर, सीएमओ ने इस विषय पर कोई कमेंट नहीं किया।