पिछले पांच महीनों से एक शव दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट के मुर्दा घर में रखा हुआ है और उसके परिवार वाले लेकर जाने को तैयार नहीं हैं। शव को सऊदी अरब से जसविंदर का बताकर भेजा गया था। लेकिन उनके परिवार को लगता है कि जसविंदर अभी भी जिंदा है वो ये मानने को तैयार नही है कि वो शव जसविंदर का है। इसलिए डीएनए रिपोर्ट से पुष्टि के बिना वे बॉडी को लेकर जाने के लिए तैयार नहीं हैं। जसविंदर सऊदी अरब में काम करता था। आग लगने से हुए एक हादसे में उसकी 2015 में मौत हो गई थी। नवंबर 2015 में जसविंदर की मौत की खबर आई लेकिन परिजनों का कहना है कि जसविंदर का फोन उसकी मौत की खबर आने के बाद भी चालू था लेकिन दूसरी तरफ से कोई बोला नहीं। ऐसे में परिवार को उसके जिंदा होने की आस है।
जसविंदर की बॉडी को सऊदी अरब से भारत आने में एक साल से ज्यादा का वक्त लगा और अब पिछले पांच महीने से वह आईजीआई एयरपोर्ट पर ही रखा है। जसविंदर लुधियाना जिले का रहने वाला था। वह 2013 से सऊदी में डीजल मकैनिक का काम किया करता था। लेकिन नवंबर 2015 में हुए हादसे में उसकी मौत की खबर आई।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अब विदेश मंत्रालय को 28 दिन का वक्त दिया है। 28 दिनों में मंत्रालय को सऊदी अरब से डीएनए रिपोर्ट लेनी है जो कि बॉडी को भारत भेजने से पहले किया गया था। परिवार वालों ने कहा है कि 2016 में उनको रियाद की भारतीय दूतावास से जसविंदर का डीएनए सैंपल भेजने को कहा गया था। परिवार के वकील आदित्य शारदा परिवार के ‘वकील’ का कहना है कि एयरपोर्ट पर आई बॉडी का डीएनए जसविंदर के डीएनए से मेल नहीं खाता।
परिवार को दूतावास का एक लाख रुपए भी देना था लेकिन हाईकोर्ट ने कहा है कि वह पैसा परिवार नहीं बल्कि वह कंपनी देगी जिसमें जसविंदर काम करता था।