टारगेट से कम गैस प्रोडक्शन पर सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड (आरआईएल) और उसकी पार्टनर बीपी पर 264 मिलियन डॉलर (करीब 1700 करोड़ रुपए) की नई पेनल्टी लगाई है। इन कंपनियों पर यह एक्शन 2015-16 में में केजी-डी6 फील्ड से टारगेट से कम नेचुरल गैस प्रोडक्शन के चलते हुआ है। ऑयल मिनिस्ट्री के एक अफसर ने बताया कि इस तरह दोनों कंपनियों पर कुल पेनल्टी बढ़कर 3.02 अरब डॉलर हो गई। रिलायंस और उसकी पार्टनर 1 अप्रैल 201 से लगातार अपने टारगेट से चूक रही है और यह पेनल्टी उसी के चलते लगाई गई।
सरकार और रिलायंस के बीच प्रोडक्शन शेयरिंग कॉन्ट्रैक्ट (पीएससी) है। इसके तहत, गैस की बिक्री से मिलने वाली रकम में से आरआईएल और उसकी सहायक कंपनी बीपी पूंजीगत और ऑपरेटिंग खर्च के बराबर की रकम अपने पास रख लेती है। बाकी बचे पैसे का कंपनी और सरकार के बीच बंटवारा होता है।
दोनों कंपनियों ने पिछले कुछ सालों में पूंजीगत और ऑपरेटिंग खर्च के बाद बची रकम को चैलेंज किया है। इस मसले को उन्होंने इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन में उठाया है, जहां इसे खत्म करने की मांग की है। उनका कहना है कि पीएससी के तहत ऐसे किसी भी तरह के दंड का प्रावधान नहीं है।