सरकारी बीमा कंपनियों ने ITC में इनवेस्ट कर कमाया करोड़ों का मुनाफा, निजी बीमा कंपनियों को सिगरेट से परहेज

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ITC
फाइल फोटो
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सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने सिगरेट बनाने वाली कंपनी आईटीसी में निवेश कर हजारों करोड़ रुपए का लाभ कमाया है। निजी बीमा कंपनियों की ‘स्वास्थ्य के प्रति जवाबदेही’ की नीति के चलते सिगरेट कंपनियों से इन्वेस्टमेंट वापस लेने का फायदा एलआईसी जैसी सरकारी कंपनियों को मिला है।

वैश्विक स्तर पर कई बीमा और म्यूचुअल फंड कंपनियां तंबाकू जैसे क्षेत्रों में निवेश से दूर रहती हैं। पिछली तिमाही में सार्वजनिक क्षेत्र की चारों बीमा कंपनियों को आईटीसी में अपनी 21 प्रतिशत पर 15,000 करोड़ रुपए का लाभ हुआ जब कि पूरे 2016-17 इस निवेश पर फायदा 20,000 करोड़ रुपए से अधिक का रहा।

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एलआइसी है बङा हिस्सेहार-
शेयरहोल्डिंग पैटर्न के विश्लेषण से पता चलता है कि एलआइसी की आइटीसी में करीब 16.3 फीसद हिस्सेदारी है। जीवन बीमा निगम ने पिछली तिमाही में इस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी दो फीसद बढ़ाई। उसके पास फिलहाल 55,000 करोड़ रुपये मूल्य के आइटीसी के शेयर हैं। एलआइसी के अलावा साधारण बीमा कंपनियों (ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी, न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी और जनरल इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) की भी अच्छी-खासी हिस्सेदारी है। इसका मूल्य करीब 17,000 करोड़ रुपये बैठता है। आइटीसी का बाजार मूल्य करीब 3.4 लाख करोड़ रुपये है। वैसे, कंपनी एफएमसीजी समेत कई तरह के व्यवसायों में लगी है, मगर अब भी उसकी कुल आय में सिगरेट कारोबार का काफी बड़ा हिस्सा है।

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सरकारी नीतियों के खिलाफ निवेश-
हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका को देखते हुए यह मामला अहम है। इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों का तंबाकू उद्योग में भारी निवेश सरकारी नीतियों के खिलाफ है। जहां तक निजी बीमा कंपनियों और म्यूचुअल फंडों का सवाल है तो इसी अवधि में उन्होंने तंबाकू उद्योग में अपना निवेश घटाया है। आइसीआइसीआइ प्रूडेंशियल लाइफ की आइटीसी में हिस्सेदारी घटकर एक फीसद के करीब रह गई है। इसी तरह सभी म्यूचुअल फंडों की हिस्सेदारी चार फीसद पर आ गई है।

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