भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अपनी पुस्तक आय डू वाट आय डू: ऑन रिफार्म्स रिटोरिक एंड रिजॉल्व में यह खुलासा किया है कि उन्होंने कभी नोटबंदी का समर्थन नहीं किया बल्कि उन्होंने तो इसके संभावित नुकसानों के प्रति सरकार को आगाह किया था।
राजन का यह बयान उन दावों के लिहाज से महत्वपूर्ण है जिनके अनुसार नोटबंदी के उस अप्रत्याशित कदम की तैयारियां बहुत समय पहले से ही चल रही थी जिसकी घोषणा आठ नवंबर 2016 की रात की गई।